कोरोना वायरस संकट के बीच देश के अलग-अलग राज्यों में राजनीतिक हलचल लगातार जारी है. कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के बीच एक बार फिर सियासी उठापटक तेज़ हुई है. राज्य में कुछ दिनों से ये चर्चा चल रही है कि बीएस. येदियुरप्पा की मुख्यमंत्री पद की कुर्सी से विदाई हो सकती है. हालांकि, भाजपा ने इन बातों का खंडन कर दिया है.
इसी मसले से इतर बीती रात बेंगलुरु में करीब पांच मंत्रियों के बीच पूरे मसले पर मंथन हुआ. कर्नाकट सरकार में मंत्री सुधाकर के घर पर हुई इस बैठक में पांच अन्य मंत्री भी शामिल हुए, जिसमें येदियुरप्पा की विदाई जैसी स्थिति बनती है तो उसके बाद की रणनीति पर चर्चा की गई.
इस बैठक में सुधाकर के अलावा बीएस पाटिल, आनंद सिंह, सोमशेखर, नागेश (निर्दलीय विधायक) भी शामिल रहे. बता दें कि सिद्धारमैया की सरकार गिरने के बाद ये सभी विधायक बीएस. येदियुरप्पा के भरोसे पर ही भाजपा के साथ आए थे, जिन्हें बाद में मंत्री पद दिया गया था.
अब अगर येदियुरप्पा की ही मुख्यमंत्री पद से विदाई होगी, तो इनके भविष्य पर भी संकट के बादल मंडरा सकते हैं. ऐसे में बैठक में आगे की रणनीति पर मंथन हुआ.
दरअसल, कर्नाटक में कई स्थानीय मीडिया ने बीएस. येदियुरप्पा की विदाई की बात की थी. जिसपर भाजपा की ओर से बयान जारी किया गया था. बीजेपी प्रवक्ता गणेश कार्णिक की ओर से कहा गया था कि बीजेपी की ओर से उन अटकलों को खारिज किया जाता है, जहां राज्य के नेतृत्व में बदलाव की बात कही जा रही है.
चर्चाएं थी कि बीएस येदियुरप्पा को दिसंबर तक सीएम पद की कुर्सी से हटाया जा सकता है. इसके पीछे उनकी बढ़ती उम्र के साथ-साथ कई विधायक और मंत्रियों की नाराजगी को भी वजह बताया जा रहा है, साथ ही भाजपा अभी से नेतृत्व बदलकर आने वाले विधानसभा चुनाव पर नजर बना रही है.