आज तक हम सबने किताबों में पढ़ा होगा कि पहले भारत सोने कि चिड़िया के नाम से फेमस था। पहले भारत के अंदर सोना ही सोना था।लेकिन किसी भी शख्स को आज तक यह पता नही है कि भारत को सोने कि चिड़िया बनाने वाला राजा कोन था। देश के लोगों को राजा विक्रमदित्य के बारे में ज्ञान नहीं है,
जिन्होंने भारत को सोने की चिड़िया बनाया था, और सोने का समय लाया था। विक्रमादित्य के समय में हमारे देश की आर्थिक दशा काफी अच्छी थी। वो ऐसा समय था जिसने भारत को सोने की चिड़िया बनाया और सबसे आगे लाकर खड़ा कर दिया था।
महाराज विक्रमदित्य ने केवल धर्म ही नही बचाया उन्होंने देश को आर्थिक तौर पर सोने की चिड़िया बनाई, उनके राज को ही भारत का स्वर्णिम राज कहा जाता है। उन राजा ने हमारे देश कि वस्तुओं को बहार विदेशों में जाकर बेचा जिसकी वजह से भारत में सोना ही सोना आ गया था। भारत में पहले सोने के ही सिक्के चलते थे
इसलिए भारत का नाम सोने कि चिड़िया पड़ा। आपने बचपन से ही किताबों में राजा विक्रमादित्य के न्याय की कहानियां जरूर सुनी होंगी। कहा जाता , कि उनके न्याय को लेकर कभी देवता भी उनसे न्याय करवाने आते थे। विक्रमदित्य के काल में हर नियम धर्मशास्त्र के हिसाब से बने होते थे, धर्मशास्त्र के नियमों पर चलता था
विक्रमदित्य का काल राम राज के बाद सबसे अच्छा माना गया है, जहाँ पर प्रजा धनि और धर्म पर चलने वाली थी। इसी कारण राजा विक्रमादित्य को न्याय का प्रतीक माना जाता है।