लखनऊ। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को लेकर आयोग आरक्षण नियमों को लेकर सतर्क हो गया है। जाति निर्धारण को लेकर आयोग ने अफसरों को निर्देश जारी किया है। आयोग ने कहा है कि अनारक्षित वर्ग में जन्म लेने वाली महिलाएं अनारक्षित वर्ग में ही रहेंगी। आरक्षित वर्ग यानी अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग के पुरुष से शादी कर लेने अथवा आरक्षित वर्ग द्वारा गोद लिए जाने से उसे आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। इसी प्रकार आरक्षित वर्ग की महिलाएं अनारक्षित वर्ग का लाभ किसी भी स्थिति में नहीं ले सकती हैं। आयोग ने आरक्षण की व्यवस्था को लेकर दो प्रपत्र भी जारी किया है। चुनाव के दौरान महिलाओं को प्रपत्र फार्म को भरना अनिवार्य है। आरक्षित वर्ग में दावा करने वालो को नोटरी, शपथ पत्र भी देना होगा। जाति, आरक्षण का दावा करने वाले उम्मीदवारों जाति प्रमाण पत्र भी देना होगा।
गांवों में आरक्षण का लाभ लेने के लिए नियमों के बीच से रास्ता निकालने के मामले प्रकाश में आते रहते हैं। कुछ लोग आरक्षित वर्ग का लाभ लेने के लिए महिलाओं को उसी वर्ग की सीट पर मैदान में उतार देते हैं। समाज में चुनाव के दौरान उसी वर्ग के होने का दावा करते हैं। जुगाड़ और प्रभाव से जाति प्रमाण पत्र भी फर्जी संलग्न कर देते हैं। बताया जा रहा है कि आयोग ने इसी को ध्यान में रखकर यह आदेश दिया है ताकि नामांकन के दौरान सावधानी बरती जाए। आगे जाति को लेकर विवाद न हो। जाति और आरक्षण को लेकर सख्ती की जा रही है।
बकायेदार नहीं लड़ सकते चुनाव
समितियों के बकायेदारों को रोक दिया गया है। बकायेदार हैं तो अबकी बार पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। सहायक आयुक्त सहकारिता वीके सिंह ने कहा कि सहकारी समितियों के बकायेदारों को पंचायत चुनाव लड़ने के लिए समिति का बकाया जमा करना आवश्यक होगा। बकायेदार को चुनाव में भाग नहीं लेने दिया जाएगा।