रिर्पोट :- गौरव सिंघल,वरिष्ठ संवाददाता, दैनिक संवाद, सहारनपुर मंडल। उत्तर प्रदेश के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि केंद्र का बजट तो एकदम किसान विरोधी और किसानों को निराशा करने वाला बजट था ही अब प्रदेश का बजट भी पूरी तरह किसान विरोधी और गरीब विरोधी है। उत्तर प्रदेश के बजट में अन्नदाता किसानों के लिए कुछ नहीं है। प्रदेश के बजट से किसानों को थोड़ी सी आशा थी जिसे भी प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के किसानों को निराश किया है।
मुख्यमंत्री योगी का आय दोगुनी करने का वादा खोखला और झूठ का पुलिंदा निकला। प्रदेश के 5:50 लाख करोड़ के बजट में उत्तर प्रदेश की नकदी व महत्वपूर्ण फसल गन्ने के लिए 4% बजट में व्यवस्था करके 20000 करोड रुपए गन्ना किसानों के लिए आवंटित करना चाहिए था। जिससे प्रदेश के गन्ना किसानों को सीधे 200 रूपए कुंतल गन्ने का रेट अधिक मिल जाता लेकिन जो बजट में सौर ऊर्जा चालित नलकूप लगाने पर बजट आवंटित किया है उसमें सीधे-सीधे 60% कमीशन खोरी है। इस बजट में किसानों की उन्नति और किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कुछ भी तो नहीं है।
भगत सिंह वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी यदि बजट में गन्ना किसानों के लिए 4% की व्यवस्था कर देते तो गन्ना किसान अपने लठ लेकर ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ मजबूती से योगी व भाजपा के साथ ताकत के साथ खड़े रहते। लेकिन भाजपा की केंद्र और प्रदेश सरकार ने लगातार किसानों की उपेक्षा व किसानों को निराश किया है। जिसे अब देश और प्रदेश का किसान भूलने वाला नहीं है। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि केंद्र के बजट में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के लिए कुछ नहीं दिया है। जिससे किसानों में भारी निराशा है और किसानों में सरकारों के प्रति लगातार रोष बढ़ता जा रहा है। इसी का परिणाम है कि तीन महीने से लाखों किसान दिल्ली में डटकर आंदोलन कर रहे है।