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यूक्रेन बॉर्डर पर बढ़ते तनाव के बीच रूसी सेना के रोबोट टैंक ऐक्शन में, दहशत में आई दुनिया, देखें वीडियो

मास्को: यूक्रेन बॉर्डर पर बढ़ते तनाव के बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश पर रूसी सेना में रोबोट टैंक की यूनिट्स को एक्टिव कर दिया गया है। रूस के इस कदम को तीसरे विश्वयुद्ध की तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा है। क्योंकि, नाटो में शामिल यूक्रेन के पक्ष में भी अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और तुर्की समेत कई देश खुलकर आ गए हैं। उधर, रूस ने भी दुनियाभर के देशों के दबाव को खारिज करते हुए सीमा पर हथियारों और सैनिकों की तादाद को बढ़ा दिया है।

रूस ने अमेरिका समेत यूरोपीय देशों को दी चेतावनी

रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अमेरिका समेत यूरोपीय देशों को चेतावनी देते हुए तनाव न भड़काने की सलाह दी थी। रूसी सेना के सैनिकों और हथियारों के यूक्रेन बॉर्डर की तरफ बढ़ते काफिले को देख पूरी दुनिया में दहशत है। वहीं, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल के फोन के जवाब में रूस ने दो टूक लहजे में कहा है कि वह अपने देश के अंदर सेना के किसी भी मूवमेंट को करने के लिए स्वतंत्र है।

रूसी रक्षामंत्री ने किया प्लांट का दौरा इस बीच रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने इस सप्ताह मॉस्को के पास नखाबिनो में रोबोट टैंक की उत्पादन फैसिलिटी का दौरा किया था। जिसके बाद रूसी रक्षा मंत्रालय ने घोषणा करते हुए कहा था कि सेना में पांच यूरन -9 रोबोटिक सिस्टम की इकाईयों को जल्द ही तैनात किया जाएगा। इसके लिए सैनिकों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी। रूस पिछले 2-3 साल के अपने आर्मी डे परेड में इस घातक हथियार का प्रदर्शन करता आया है।

इन घातक हथियारों से लैस है रूस का यूरेन-9

रूसी मीडिया के अनुसार, यूरन -9 खुद के कैमरों और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से टारगेट को ट्रैक कर सकता है, लेकिन उसपर फायर करने का आदेश टैंक से तीन किलोमीटर की दूरी पर बैठा गनर देता है। यह टैंक पूरी तरह से रिमोट कंट्रोल्ड होती है। इसमें एक 30 मिमी की ऑटोमेटिक बंदूक, अताका एंटी-टैंक मिसाइल और श्मेल फ्लेमेथ्रो जैसे हथियार तैनात रहते हैं।

टी-14 आर्मटा टैंक को भी रिमोट कंट्रोल बना रहा रूस

रूस ने कुछ महीने पहले ही अपने टी-14 आर्मटा टैंक के रिमोट कंट्रोल वैरियंट का टेस्ट किया था। जिसमें दावा किया गया था कि इस टैंक ने बिना क्रू मेंबर्स के रिमोट के जरिए अपने निशाने पर गोले दागे थे। रिमोट कंट्रोल के कारण इस टैंक के क्रू सैकड़ों लीटर फ्यूल और टैंकों के गोले की रेंज से बाहर सुरक्षित रहेंगे। ऐसे टैंकों की वजह से रूसी सेना के जवान सुरक्षित दूरी से दुश्मन के ऊपर हमला करने में सक्षम होंगे।

बिना क्रू के दुश्मनों के टैंक्स को बना सकता है निशाना

सैन्य निर्माण से जुड़े सूत्रों के हवाले से रूसी न्यूज एजेंसी स्पूतनिक ने कहा कि जंग के मैदान में टी -14 आर्मटा टैंक बिना क्रू की मौजूदगी के अपने लक्ष्यों को खोजने और उन्हें बर्बाद करने में सक्षम है। इस परीक्षण के दौरान टी -14 ने सफलतापूर्वक अपने लक्ष्यों को बर्बाद कर दिया। रूस के सैन्य इतिहास में यह पहला मौका है जब दूर बैठे चालक दल ने रिमोट कंट्रोल के जरिए ऑपरेट करते हुए किसी टैंक का परीक्षण किया है।