मुस्लिम देशों के एक समूह ने यरूशलम में स्थित इस्लाम के पवित्र स्थलों में से एक अल-अक्सा मस्जिद के परिसर में हिंसा भड़कने को लेकर इजरायल की निंदा की है। इजरायल और फलस्तीन के बीच बढ़ते तनाव और यरूशलम में हुईं हिंसक झड़पों पर मुस्लिम जगत की ओर से एकजुट प्रतिक्रिया देने के लिये मंगलवार को 57 सदस्यीय इस्लामिक सहयोग संगठन की आपात बैठक बुलाई गई। 20 हज़ार से ज्यादा लोग अभी क्या कर रहे हैं?
जान लीजिए एक विज्ञप्ति के अनुसार बैठक में अल-अक्सा मस्जिद की पवित्रता की ‘निरंतर अनदेखी’, इबादतगुजारों पर ‘बर्बर हमलों’ और परिसर में फलस्तीनियों की आवाजाही पर पाबंदी को लेकर इजरायल की निंदा की गई। संगठन ने कहा कि उसके विचार में इजरायल की कार्रवाई ‘दुनियाभर के मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली और अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन है।’ संगठन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तनाव बढ़ने के लिये इजरायल को जिम्मेदार ठहराने और उसपर हमले रोकने का दबाव डालने की अपील की, जिसकी वजह से ‘क्षेत्र की सुरक्षा और स्थायित्व’ के सामने खतरा पैदा हो गया है। संगठन ने स्वतंत्र फलस्तीन के समर्थन के लंबे समय से चले आ रहे अरब जगत के रुख को भी दोहराया।