रविवार को पुणे जिले (Pune district) में महाराष्ट्र पुलिस (maharashtra police) ने पंढरपुर में एक मंदिर की ओर जा रहे वारकरी श्रद्धालुओं (devotees) पर कथित रूप से लाठीचार्ज किया। यह पहली बार है जब इस तरह की घटना हुई है। इस घटना पर विपक्ष भड़क गया है। उन्होंने इस कृत्य को महाराष्ट्र में मुगलों की वापसी करार दिया। वारकरी श्रद्धालु भगवान कृष्ण के एक रूप विठोबा के भक्त माने जाते हैं। सूत्रों का कहना है कि जुलूस के दौरान वारकरियों की पुलिस से झड़प हो गई। जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। हालांकि डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Deputy CM Devendra Fadnavis) ने किसी भी तरह के लाठीचार्ज से इनकार किया है।
वारकरी श्रद्धालु हर साल 11 जून आलंदी से पंढरपुर के विठ्ठल मंदिर के लिए यात्रा जुलूस निकालते हैं। पुलिस सूत्रों ने कहा कि श्रद्धालुओं की भारी संख्या को नियंत्रित करने के लिए उन्होंने हल्का लाठीचार्ज किया। नियम केवल 75 सदस्यों को परिसर में प्रवेश करने की अनुमति देता है, लेकिन इसके बजाय लगभग 400 लोग जबरन मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। उधर, इस मामले में सरकार की तरफ से उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लाठीचार्ज के आरोपों से इनकार किया और इसे “मामूली हाथापाई” कहा। फडणवीस ने नागपुर में संवाददाताओं से कहा, “वारकरी समुदाय पर कोई लाठीचार्ज नहीं हुआ।”
क्या बोले फडणवीस
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और राज्य में होम मिनिस्टरी संभाल रहे देवेंद्र फडणवीस ने कहा,”हमने पिछले साल उसी स्थान (आलंदी) में भगदड़ जैसी स्थिति से सीखा और विभिन्न समूहों को सीमित संख्या में प्रवेश पास देने की कोशिश की है। तीर्थयात्रा में भाग लेने वाले प्रत्येक समूह को 75 पास जारी करने का निर्णय लिया गया है, लेकिन 500 लोग जबरन मंदिर में घुस रहे थे।”
उन्होंने कहा कि लगभग 500 लोगों ने जोर देकर कहा कि वे तीर्थयात्रा में भाग लेंगे और प्रवेश पास के प्रतिबंधित आवंटन पर निर्णय का पालन नहीं करेंगे। फडणवीस ने कहा, “उन्होंने बैरिकेड्स तोड़ दिए और पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए।” स्थिति से निपटने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।
हमलावर विपक्ष
आलंदी में वारकरी भक्तों पर लाठीचार्ज से महाराष्ट्र में सियासत गरमा गई है। शिवसेना के वरिष्ठ सांसद संजय राउत ने ट्वीट किया, “ओह ओह.. हिंदुत्व सरकार का ढोंग उजागर हो गया.. नकाब उतर गया। औरंगजेब कैसे अलग व्यवहार कर रहा था? मुगलों का महाराष्ट्र में पुनर्जन्म हुआ है।”
वहीं, एनसीपी के छगन भुजबल ने कहा, “श्री क्षेत्र आलंदी में जिस तरह से पुलिस ने वारकरी बंधुओं पर लाठियां बरसाईं, वह बहुत ही अपमानजनक है। वारकरी संप्रदाय की नींव रखने वाले महान संत ज्ञानेश्वर महाराज की उपस्थिति में वारकरियों का यह अपमान घोर निंदनीय है। क्या सरकार वारकरी संप्रदाय के प्रति कोई उत्तरदायित्व है या नहीं?”