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महाराष्ट्र के राज्यपाल ने अमित शाह से कहा- किसी आइकन को बदनाम करने की सोच भी नहीं सकते

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर राज्य में चल रहे राजनीतिक तूफान के बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट की और जोर देकर कहा है कि वह किसी आइकन को बदनाम करने का सपना भी नहीं देख सकते। राज्यपाल ने 6 दिसंबर को हिंदी में दो पेज के पत्र में उन्हें ‘आदरणीय श्री अमित भाई जी’ के रूप में संबोधित करते हुए अपने हाल के भाषण की ओर ध्यान आकर्षित किया और तर्क दिया कि उनकी आलोचना करने के लिए उस संबोधन से कुछ अंश को अलग से पेश किया गया।
कोश्यारी ने कहा कि उन्होंने महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और सुभाष चंद्र बोस के उदाहरणों का हवाला दिया था, और आधुनिक समय के छात्र भी वर्तमान युग की हस्तियों को जानना चाहते हैं जो उनके ‘आदर्श’ हो सकते हैं।
कोश्यारी ने कहा, उस संदर्भ में मैंने (केंद्रीय मंत्री) नितिन गडकरी को डॉ बी आर अम्बेडकर जैसे व्यक्तित्वों का उदाहरण दिया था। दुनिया में भारत का रुतबा ऊंचा करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगर कोई ‘आदर्श’ मानता है तो इसका मतलब पहले के ‘महापुरुष’ का अनादर नहीं है, यह तुलना का विषय भी नहीं है।”
शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए 80 वर्षीय राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान जब कई ‘बड़े-बड़े लोग’ अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे थे, तब मैं इस उम्र में शिवनेरी, सिंहगढ़, रायगढ़ और प्रतापगढ़ जैसे स्थानों की पैदल यात्रा पर निकला था।
जहां तक छत्रपति शिवाजी महाराज का सवाल है, वे न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश का गौरव हैं। कोश्यारी ने सिंधखेड में शिवाजी की मां, माता जीजीबाई के जन्मस्थान की अपनी यात्रा को याद किया।
राज्यपाल ने कहा, आदरणीय अमित भाई जी, आपको याद होगा कि मैंने 2016 में 2019 में चुनाव न लड़ने और सभी राजनीतिक कार्यालयों से दूर रहने की इच्छा व्यक्त की थी। उस समय माननीय प्रधानमंत्री जी और आपने विनम्र भाव से अपना स्नेह और विश्वास व्यक्त किया था। जिसके कारण मैंने महाराष्ट्र के राज्यपाल का पद स्वीकार किया।
कोश्यारी ने कहा कि सभी गणमान्य व्यक्ति इस बात से अवगत हैं कि यदि वह कोई गलती करते हैं तो वह खेद व्यक्त करने या अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने में कभी नहीं हिचकिचाते हैं।
राज्यपाल ने आग्रह किया, मैं छत्रपति शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप या मुगल काल के दौरान बलिदान देने वाले श्री गुरु गोबिंद सिंह जैसे महान लोगों का अपमान करने के बारे में सोच भी नहीं सकता .. मैं आपसे अपील करता हूं कि वर्तमान स्थिति में, कृपया उचित मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए कष्ट उठाएं।
हालांकि, राज्यपाल का पत्र कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और अन्य के नेताओं को प्रभावित करने में विफल रहा, जो इस बात पर अड़े रहे कि कोश्यारी को राज्य से बाहर कर दिया जाना चाहिए।