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मनमानी फिल्में बनाने वालों को प्रमाणपत्र देने से पहले सेंसर बोर्ड को उनके राजनीतिक-चरित्र का प्रमाणपत्र देखना चाहिए – अखिलेश यादव

‘आदिपुरुष’ फिल्म को लेकर (Regarding the Film ‘Adipurush’) सपा मुखिया (SP Chief) अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि ”एजेंडे वाली मनमानी फिल्में बनाने वालों को (To Those Who Make Arbitrary Films with Agenda) सेंसर बोर्ड (censor board) का प्रमाणपत्र देने से पहले (Before Giving Certificate), उनके राजनीतिक-चरित्र का प्रमाणपत्र (Their Political-Dharacter Certificate) देखना चाहिए (Should See) ।”

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को ट्वीट के माध्यम से लिखा कि ”जो राजनीतिक आकाओं के पैसों से, एजेंडे वाली मनमानी फिल्में बनाकर लोगों की आस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं, उनकी फिल्मों को सेंसरबोर्ड का प्रमाणपत्र देने से पहले, उनके राजनीतिक-चरित्र का प्रमाणपत्र देखना चाहिए। क्या सेंसर बोर्ड धृतराष्ट्र बन गया है?

ज्ञात हो कि अभिनेता प्रभास और कृति सेनन स्टारर फिल्म ‘आदिपुरुष’ अब डायलॉग्स को लेकर विवाद में है। फिल्म को बैन करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इसे हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने लगाया है। इसमें फिल्म के कई सीन, डायलॉग्स और किरदारों को हटाने की मांग की गई है।

विष्णु गुप्ता ने याचिका में कहा, ”फिल्म में हमारे आराध्य देवताओं का गलत तरीके से चित्रण किया गया है, जो कि आपत्तिजनक है। इसलिए ऐसी फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगनी चाहिए।” ओम राउत की निर्देशित और भूषण कुमार की निर्मित ‘आदिपुरुष’ में प्रभास ने राघव (राम), कृति सेनन ने जानकी (सीता), सैफ अली खान ने लंकेश (रावण) और सनी सिंह ने लक्ष्मण का किरदार निभाया है।

एक अन्य ट्वीट में अखिलेश ने कहा कि ”लोन लेकर जान-बूझकर बैंकों को धोखा देने वालों के लिए भाजपा सरकार कारपेट बिछाकर, बैंकों से इन फरेबियों से समझौता करवा रही है। किसान के कर्ज या आम जनता की बीमारी, पढ़ाई या घर के कर्ज की वसूली के लिए तो सरकार बैंकों से क्या-क्या उत्पीड़न करवाती है, तो फिर धोखेबाजों पर कृपा क्यों?”