भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर समझौते को लागू कराने के पीछे यूनाइटेड अरब अमीरात की पहल है। इस घोषणा के 24 घंटे बाद ही यूनाइडेट अरब अमीरात के विदेश मंत्री एक दिन की यात्रा पर दिल्ली पहुंचे। 26 फरवरी की बैठक को लेकर यूएई के आधिकारिक बयान ने संकेत दिया कि विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद ने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से क्या बातचीत की। दोनों ने सभी क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बात की, जिनमें साझा हित जुड़े हैं। माना जाता है कि भले ही बात दरवाजों के पीछे हुई लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर का मील का पत्थर है, जिसकी मध्यस्थता यूएई ने की। अक्सर टकराने वाले परमाणु संपन्न पड़ोसियों के बीच स्थायी शांति के लिए संघर्ष विराम एक बड़े रोडमैप की बस शुरुआत है। अगले कदम में दोनों देश नई दिल्ली और इस्लामाबाद में राजदूतों को नियुक्त करेंगे। 2019 में पुलवामा हमले के बाद राजदूतों को वापस बुला लिया गया था। इसके बाद व्यापार और कश्मीर को लेकर बातचीत होगी। कश्मीर को लेकर दोनों देशों के बीच 1947 के बाद से 3 बार सीधी जंग और एक कारगिल जंग हो चुकी है।
भारत और पाकिस्तान ने कई बार शांति वार्ता की है लेकिन परिणाम नहीं निकला। अधिकारियों ने कहा कि इस बात की उम्मीद कम है राजदूतों को दोबारा भेजे जाने और पंजाब के रास्ता व्यापार शुरू करने से अधिक कुछ हासिल हो पाएगा। भारत-पाकिस्तान की वार्ता ऐसे समय में हो रही है, जब अमेरिका में बाइडेन प्रशासन अफगानिस्तान में विस्तृत शांति वार्ता चाहता है। अफगानिस्तान में दोनों देश अपना अधिक प्रभाव चाहते हैं। भारत सरकार सैन्य संसाधन को चीन सीमा पर बढ़ाना चाहती है तो पाकिस्तान आर्थिक संकट में है। पाकिस्तान और भारत के विदेश मंत्रालय ने बातचीत में यूएई की भूमिका पर कुछ भी कहने से इनकार किया है।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा है कि दोनों देशों को अतीत को भूलकर अब आगे बढ़ना चाहिए। पाकिस्तान की सेना अनसुलझे मुद्दों पर बातचीत को तैयार है। इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी बातचीन की इच्छा प्रकट की थी। शनिवार को पीएम मोदी ने इमरान खान के कोरोना पॉजिटिव होने पर ट्वीट किया और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की। इसे भी वैक्सीन डिप्लौमेसी के तहत दोनों देशों के बीच सुधरते रिश्ते का संकेत माना जा रहा है।
यूएई के भारत और पाकिस्तान के साथ ऐतिहासिक व्यापारिक और कूटनीतिक रिश्ते रहे हैं। यूएई शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के नेतृत्व में अब अधिक मुखर अंतरराष्ट्रीय भूमिका निभा रहा है। नवंबर में जयशंकर ने बिन जायद और क्राउन प्रिंस से अबु धाबी के दो दिवसीय दौरे पर मुलाकात की थी। एक महीने बाद ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी वहां पहुंचे। इसके कुछ दिन पहले ही भारत ने इमरान खान के विमान को भारतीय एयरस्पेस से श्रीलंका जाने की इजाजत दी थी जबकि 2019 के बाद पाकिस्तान ने दो बार पीएम नरेंद्र मोदी को रास्ता देने से इनकार कर दिया था।