रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine) के बीच चल रहे युद्ध (War) में तबाही मचाने वाला और युद्ध क्षेत्र में गेम-चेंजर का काम करने वाला कामिकेज ड्रोन (‘Kamikaze drone’) अब भारतीय फौज (Indian Army) में शामिल होने वाली है क्योंकि रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) और कैडेट डिफेंस सिस्टम (Cadet Defense System) ने मिलकर भारत का पहला स्वदेशी कामिकेज ड्रोन तैयार कर लिया है. इससे 2 से 3 साल में 5 हजार यूनिट बनाई जा सकती हैं.
पहले स्वदेशी कामिकेज ड्रोन के बनते ही आर्म्ड फोर्स ने शुरू में ही 24 ड्रोन का ऑर्डर दे दिया है, जो कि साल 2024 तक सप्लाई की जाएगी. कामिकेज ड्रोन को आवारा गोला-बारूद, आत्मघाती ड्रोन या विस्फोट करने वाले ड्रोन के रूप में भी जाना जाता है. यह एक प्रकार का हवाई हथियार है जिसमें एक अंतर्निर्मित वॉर हेड होता है जिसे आम तौर पर लक्ष्य क्षेत्र के चारों ओर घूमने के लिए डिजाइन किया गया है, यह लक्ष्य क्षेत्र पर लंबे समय तक धैर्यपूर्वक घूमते रहने की क्षमता रखता है, इसके बाद जब यह अपने लक्ष्य पर स्थित हो जाता है तो यह ड्रोन इससे टकराकर उस पर हमला बोल देता है.
अपने लक्ष्य पर निशाना साधने के लिए लंबे समय तक उसके इर्द-गिर्द घुमने की विशेषता ही इस ड्रोन को एक खतरनाक हथियार के रूप में बनाता है. कामिकेज ड्रोन की खासियत ये है कि इससे लक्ष्य पर एकदम सटीक निशाना लगता है, इतना ही नहीं यह ड्रोन उड़ान के बीच में लक्ष्य बदलने या यहां तक कि मिशन को रद्द करने की भी क्षमता रखता है. इस ड्रोन में इन-बिल्ड वॉर हेड होता है.
अलग-अलग ऑपरेशनल जरूरतों को पूरा करने के लिए इसे स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और भारत-निर्मित एलएएम (loitering aerial munitions) सिस्टम के कई वर्जन विकसित किए जा रहे हैं, जिनका वजन 2 से 40 किलोग्राम के विस्फोटक पेलोड के साथ 15 किलोग्राम से 120 किलोग्राम तक होता है. कामिकेज ड्रोन का सबसे बड़ा वर्जन लगभग 12 घंटे तक घूम सकता है और इस ड्रोन को 5,000 मीटर से ज्यादा की ऊंचाई क्षमता के साथ रेगिस्तान, मैदानी इलाकों और उच्च ऊंचाई वाले वातावरण के साथ किसी भी मौसम और इलाकों के अनुकूल बनाया गया है.