मॉनसून की स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक सरकारी नोटिस जारी कर गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिका में भी इसका असर दिखने लगा है। वहां की दुकानों और मॉल में भारतीय चावल खरीदने की होड़ सी मची है। लोग शॉफिंग सेंटर की तरफ भाग रहे हैं। चावल खरीदने के लिए अफरा-तफरी की स्थिति देखने को मिल रही है। इसके कई वीडियो सोशल मीडिया में शेयर किए जा रहे हैं।
भारत के विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की तरफ से कहा गया है कि भारत सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। विभाग का कहना है कि गैर-बासमती सफेद चावल की निर्यात नीति को प्रतिबंधित कर दिया गया है। हालांकि भारत इस चावल की खेप को कुछ शर्तों के तहत निर्यात करने की अनुमति देगा जैसे कि इस अधिसूचना से पहले जहाज पर इस चावल की लोडिंग शुरू हो गई है। भारत सरकार का यह फैसला माना जा रहा है कि रूस के तरफ से काला सागर अनाज सौदा कैंसिल करने की वजह से आया है।
बता दें, विश्व चावल निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 40% से अधिक है। 2022 के आंकड़े के मुतबाकि, भारत ने 55.4 मिलियन मीट्रिक टन चावल का निर्यात किया था। यह दुनिया के अनाज के चार सबसे बड़े निर्यातकों थाईलैंड, वियतनाम, पाकिस्तान और संयुक्त राज्य अमेरिका से भी /अधिक है। भारत 140 से अधिक देशों को चावल निर्यात करता है। भारतीय गैर-बासमती चावल के प्रमुख खरीदारों में बेनिन, बांग्लादेश, अंगोला, कैमरून, जिबूती, गिनी, आइवरी कोस्ट, केन्या और नेपाल के अलावा ईरान, इराक और सऊदी अरब जैसे देश शामिल हैं। ये देश मुख्य रूप से भारत से प्रीमियम बासमती चावल खरीदते हैं।