रांची: दुमका में मृत छात्रा अंकिता के परिजनों से मिलने व उन्हें सहायता राशि देने सांसद निशिकांत दुबे समेत अन्य लोग देवघर एयरपोर्ट चार्टर्ड से आए थे। वापसी के क्रम में हुए विवाद को लेकर अब देवघर जिला प्रशासन और सांसद आमने-सामने हैं। देवघर डीसी के आदेश पर सांसद, उनके दोनों बेटों के अलावा मनोज तिवारी, देवघर एयरपोर्ट निदेशक संदीप ढींगरा समेत 9 पर देवघर के कुंडा थाने में केस दर्ज किया गया है। वहीं इस मामले में सांसद की शिकायत पर देवघर डीसी पर दिल्ली के नार्थ एवेन्यू थाने में जीरो एफआईआर दर्ज की गई है।
इसमें बताया गया है कि 31 अगस्त को दोपहर 1:50 बजे दिल्ली से देवघर एयरपोर्ट पर एक चार्टर्ड प्लेन उतरा। उसमें सांसद निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी और कपिल मिश्रा के अलावा शेषाद्री दुबे, सुनील तिवारी समेत कुछ अन्य लोग थे। शाम 5:25 बजे प्लेन के यात्री व उनको छोड़ने वाले एयरपोर्ट पहुंचे। यात्री प्लेन के अंदर चले गए और गेट बंद हो गया। कुछ देर बाद दरवाजा खुला व पायलट एटीसी की तरफ चले गए। वह भी उनके पीछे गए। एयरपोर्ट में नाइट टेकऑफ, लैंडिंग व आईएफआर सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण एटीसी क्लीयरेंस संभव नहीं था। एटीसी कंट्रोल रूम में डायरेक्टर संदीप ढींगरा व पायलट की बात हो रही थी। कर्मियों पर दबाव डालकर बोला जा रहा था कि यात्रियों को आज ही लौटना जरूरी है इसलिए एटीसी क्लीयरेंस दिया जाए।
कुछ देर बाद सांसद निशिकांत दुबे व मनोज तिवारी सहित अन्य भी एटीसी रूम में पहुंच गए और जल्द क्लीयरेंस के लिए दबाव बना रहे थे। इसके बाद उन्हें एटीसी क्लीयरेंस मिल गया व सभी लोग वहां से निकल गए। जांच के क्रम में पता चला कि 31 अगस्त को सुरक्षा मापदंडों का उल्लंघन करते हुए मुकेश पाठक, देवता पांडेय व पिंटू तिवारी एटीसी बिल्डिंग में प्रवेश कर गए थे। डीएसपी ने प्लेन के पायलट, सांसद निशिकांत दुबे, उनके दोनों पुत्रों, सांसद मनोज तिवारी, मुकेश पाठक, देवता पांडेय, पिंटू तिवारी पर सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने व एयरपोर्ट के डायरेक्टर संदीप ढींगरा पर अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही व यात्रियों को अप्रत्यक्ष रूप से एटीसी रूम में प्रवेश व उपस्थिति के लिए समर्थन करने के लिए प्राथमिकी दर्ज करायी है। आवेदन की प्रतिलिपि डीसी, एसपी व एसडीपीओ को भी दी गई है।
निशिकांत दुबे ने पूरे मामले में देवघर एसपी को भी लिखित शिकायत की थी, लेकिन बाद में उन्होंने देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री के खिलाफ दिल्ली में जीरो एफआईआर दर्ज करायी। निशिकांत ने बताया है कि 31 अगस्त की शाम 5.15 बजे देवघर एयरपोर्ट पर दिल्ली का विमान पकड़ने के लिए वह पहुंचे। उनके साथ भाजपा के सांसद मनोज तिवारी थे। निशिकांत के अनुसार एयरपोर्ट पर विमान का आवागमन नाइट लैंडिंग सुविधा नहीं रहने के कारण बाधित हो रहा है, जिसका केस हाईकोर्ट में लंबित है।
इस सिलसिले में जानकारी लेने के लिए उन्हें एयरपोर्ट डायरेक्टर के कार्यालय में जाना था। इस क्रम में झारखंड पुलिस के अधिकारी व कर्मचारियों ने उन्हें रोका व उनके चप्पल-जूता लेकर आ रहे दोनों बेटे के साथ गाली-गलौज की। निशिकांत ने आरोप लगाया है कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। देवघर डीसी के कहने पर उनके कार्य में बाधा पहुंचाई गई। गोड्डा सांसद ने कहा है कि इसका खुलासा दूसरे दिन हुआ जब डीसी बिना इजाजत देवघर एयरपोर्ट के सुरक्षा क्षेत्र में, डीआरडीओ के प्रतिबंधित क्षेत्र में गए। वहां जाने की अनुमति केवल प्रधानमंत्री कार्यालय देता है। वहां एयरपोर्ट डाइरेक्टर ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने।