भले ही बिहार में विधानसभा चुनाव अब मुकम्मल हो चुको हो..मंत्रिमंडल का गठन किया चुका हो.. सरकार की तमाम गतिविधियां शुरू हो चुकी हो..मगर सूबे में अभी-भी सियासी कश्मकश थमने का नाम नहीं ले रही है.. अब प्रदेश में यह सिलसिला कब तक जारी रहेगा। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही तय करेगा। इसकी एक बानगी हमें तब देखने को मिली जब प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के ऊपर कुछ ऐसा ट्वीट किया है, जिसके चलते ट्विटर को वह ट्वीट डिलीट करना पड़ा.. तो चलिए अब जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर था वो पूरा मजारा जिसके चलते ट्विटर को यह ट्वीट डिलीट करना पड़ गया।
दरअसल, पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का कहना है रांची के रिम्स अस्पताल में उपचाराधीन लालू प्रसाद यादव राजग को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। वे हमारे नेताओं को पैसों व मंत्री पद का लालच देकर उन्हें खरीदने की कोशिश कर रहे हैं, मगर मैं साफ किए देता हूं कि उनकी यह कोशिश सफल नहीं होने वाली है। इतना ही नहीं, ट्वीट करते हुए सुशील कुमार मोदी ने लालू यादव का नंबर भी शेयर किया है, जिसके संदर्भ में डिप्टी सीएम ने कहा कि मैंने लालू यादव को फोन किया और उन्हें सुझाव देते हुए बोला कि आप ऐसा न करें। आप अपने इस काम में सफल नहीं होंगे।
अब ट्विटर ने क्यों किया डिलीट ट्वीट
यहां पर हम आपको बताते चले कि पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी द्वारा लालू यादव के संदर्भ में किए गए ट्वीट को ट्विटर ने डिलीट कर दिया। आखिर क्या थी… वजह ? जो ट्विटर को करना पड़ गया यह ट्वीट डिलीट.. तो इस संदर्भ में ट्विटर ने अपने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि ट्विटर पर किसी के नियमों को सार्वजनिक करना नियम विरुद्ध है। बीजेपी विधायक ललन सिंह लालू यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे बिहार मे नवगठित सरकार को तोड़ना चाहते थे। उन्होंने कहा कि लालू यादव का इस संदर्भ में उनके पास फोन भी आया था। पैसों सहित मंत्रिपद का लालाच भी दे रहे थे।
RJD का कैसा रहा रिएक्शन
उधर, अगर इस पूरे मसले को लेकर राजद के रिएक्शन की बात करें तो उन्होंने सुशील कुमार मोदी सहित ललन सिंह के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह आरोप पूरी तरह से निराधार और बेबुनियाद है।