पश्चिम बंगाल में शनिवार को पंचायत चुनाव के दिन मतदान से पहले हुई हिंसा में 22 लोगों में 18 मौतें हुईं। हिंसा को लेकर सीमा सुरक्षा बल ने राज्य चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप लगाया है। बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को कहा कि संवेदनशील मतदान केंद्रों पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के बार-बार अनुरोध के बावजूद, पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग ने कोई जानकारी नहीं दी।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने केवल संवेदनशील मतदान केंद्रों की संख्या के साथ जवाब दिया और स्थान या अन्य विवरण प्रदान नहीं किया। उन्होंने कहा कि राज्य चुनाव आयोग ने 25 राज्यों के सीएपीएफ और राज्य सशस्त्र पुलिस के 59,000 सैनिकों का सुरक्षा कर्तव्यों में पर्याप्त उपयोग नहीं किया गया। उन्होंने कहा, चुनाव ड्यूटी के लिए 25 राज्यों से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और राज्य सशस्त्र पुलिस की 59,000 टुकड़ियां पहुंची थीं, लेकिन संवेदनशील मतदान केंद्रों पर उनका पर्याप्त उपयोग नहीं किया गया।
शनिवार को पंचायत चुनाव के दौरान राज्य भर में हुई हिंसा में कम से कम 20 लोग मारे गए और कई घायल हो गए. मुर्शिदाबाद, कूच बिहार, मालदा, दक्षिण 24 परगना, उत्तरी दिनाजपुर और नादिया जैसे कई जिलों से बूथ कैप्चरिंग, मतपेटियों को नुकसान पहुंचाने और पीठासीन अधिकारियों पर हमले की खबरें आईं हैं। बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद शनिवार को पंचायत चुनाव के दौरान केंद्रीय बल की तैनाती की गई थी, लेकिन आरोप है कि उन बूथों पर केंद्रीय बलों की तैनाती चुनाव आयोग की ओर से नहीं की गई, जो ज्यादा संवेदनशील थे।