कोरोना संक्रमित गंभीर मरीज जो आईसीयू में भर्ती है उन मरीजों में एक्टिव सायकिल आफ ब्रीथिंग (एसीबीटी) तकनीक फेफड़ों की कार्य शक्ति बढ़ाने में कारगर साबित हो रही है।
संजय गांधी पीजीआइ के मुख्य फिजियोथेरेपिस्ट डा. बृजेश त्रिपाठी के मुताबिक आइसीयू में इस तकनीक से दो से चार फीसद तक फेफड़ों की कार्यक्षमता में बढ़ोतरी देखी गई है। इस तकनीक से फेफड़े की नलियां साफ होती है। फेफड़ों में जमाव खत्म या कम होता है।
पूर्ण भुजा शक्ति विकासक क्रिया योग की विधि : सबसे पहले सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं। अब दोनों पैरों के पंजों को आपस में मिला लें। फिर भुजाओं को सीधा, कंधों को पीछे खींचकर और सीने को तानकर रखें। इसके बाद दाएं हाथ का अंगूठा भीतर और अंगुलियां बाहर रखते हुए मुट्ठी बांध लें। फिर बाएं हाथ के तलवे को जंघा से सटाकर रखें। श्वास भरते हुए दाईं भुजा को कंधों के सामने लाएं।
उसके बाद श्वास भरते हुए भुजा को सिर के ऊपर लाएं। अब श्वास छोड़ें और दाईं हथेली को कंधों के पीछे से नीचे लेकर आएं। इस तरह एक चक्र पूरा होगा। अब दाएं हाथ से लगातार 10 बार इसी तरह गोलाकार चलाएं।
अंत में धीरे-धीरे श्वास को सामान्य कर लें। श्वास के सामान्य होने के बाद दोनों हाथों की मुट्ठी बनाकर 10 बार गोलाकार चलाएं। सामने से पीछे की ओर ले जाएं। इस दौरान श्वास की एकाग्रता और संतुलन बनाए रखें। जिस तरह हाथों को एक दिशा में गोलाकार घुमाते हैं, उसी तरह हाथों को उल्टी दिशा में भी गोलाकार घुमाना चाहिए। इससे विपरीत योग संचालन भी हो जाता है, जो कि जरूरी है।