भाजपा ने MLC के चार प्रत्याशी घोषित किए। स्वतंत्र देव सिंह, दिनेश शर्मा, लक्ष्मण प्रसाद आचार्य के साथ कल ही भाजपा जाॅइन करने वाले अरविंद कुमार शर्मा को भी मिला टिकट। बता दें कि एके शर्मा को यूपी में बड़ी अहम जिम्मेदारी मिल सकती है। सोमवार को ही एके शर्मा ने वीआरएस लिया था। एके शर्मा पीएम मोदी के करीबी बताए जाते हैं, उन्होंने पहले सीएमओ और फिर पीएमओ में अहम जिम्मेदारी निभाई है। दूसरी ओर विधान परिषद में सभापति के लिए अब चुनाव होना तय है। दरअसल, सियासी गलियारे में सभी दलों की नज़रें इस पर टिकी थीं कि समाजवादी पार्टी परिषद के लिए कितने उम्मीदवार उतारती है और किसे? चूंकि मौजूदा सभापति रमेश यादव समाजवादी पार्टी के कोटे से थे और उनका कार्यकाल 30 जनवरी को खत्म हो रहा है। ऐसे में सवाल है कि विधान परिषद का सभापति कौन होगा?
दो वर्ष की नौकरी बाकी रहने के बाद भी स्वैच्छिक सेवानिवृति लेने वाले अरविंद कुमार शर्मा को एक व्यापक दृष्टिकोण वाला परिश्रमी अधिकारी माना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गुजरात के साथ पीएम ऑफिस, दिल्ली में भी काम करने का उनका लम्बा अनुभव है। वह उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद से बहुत पिछड़े से इलाके से आते हैं। किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए बसपा किसी भी राजनीतिक दल के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी
पार्टी अपने दम पर सभी विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ेगी। सपा ने भी गठबंधन नहीं करने का किया है ऐलान गौरतलब है कि इससे पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ऐलान किया था कि वह उत्तर प्रदेश में 2022 में होने विधानसभा चुनाव के दौरान किसी भी बड़ी पार्टी से गठबंधन नहीं करेंगे। हालांकि, अखिलेश ने कहा था कि वह छोटे दलों के साथ गठबंधन करेंगे। सपा ने महान दल समेत कई पार्टी से गठबंधन भी किया है।