दुनिया के परमाणु हथियारों पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था सिपरी ने बताया है कि मौजूदा समय में वैश्विक रूप से परमाणु हथियारों की संख्या पिछले साल से और अधिक बढ़ गई है। यह संख्या 1990 के दशक के बाद से कुछ वर्षों तक आई कमी के बाद अब लगातार बढ़ रही है। सिपरी ने दुनिया में सक्रिय परमाणु हथियारों की होड़ को इसकी बड़ी वजह बताया है। सिपरी ने दुनिया में नौ परमाणु सशस्त्र देशों का जिक्र करते हुए इस होड़ में अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इस्राइल और उत्तर कोरिया को शामिल किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि परमाणु बमों की कुल संख्या में भले ही कमी आई हो लेकिन तुरंत इस्तेमाल के लिए सेना के पास तैनात परमाणु हथियारों की संख्या में वृद्धि हो गई है। साल 2020 में 3,720 परमाणु बम तैनात थे, वहीं साल 2021 में 3,825 परमाणु हथियार कभी भी हमला करने के लिए बिल्कुल तैयार हालत में रखे गए हैं।
अमेरिका-रूस ने 2020 में अपने परमाणु हथियार शस्त्रगार को कम करना जारी रखा लेकिन अनुमान है कि दोनों के पास एक साल पहले की तुलना में 2021 की शुरुआत में सक्रिय रूप से करीब 50 से ज्यादा परमाणु हथियार तैनात हैं। चीन-पाक के बाद भारत भी बढ़ा रहा हथियार सिपरी ने यह भी बताया कि चीन के अलावा पाकिस्तान भी अपने परमाणु हथियारों की सूची का आधुनिकीकरण और विस्तार कर रहा है। पिछले एक वर्ष में चीन ने 30 और पाकिस्तान ने 5 परमाणु शस्त्र बनाए हैं। बता दें कि चीन और पाकिस्तान पिछले कई वर्षों से भारत के प्रतिद्वंद्वी रहे हैं और हथियारों की होड़ में शामिल हैं। इन्हें टक्कर देने के लिए भारत ने भी कमर कसकर हथियारों का जखीरा बढ़ाना शुरू कर दिया है।
सक्रिय हथियारों की संख्या बढ़ी
सिपरी ने कहा कि वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में दुनिया के कुल परमाणु बमों की संख्या में कमी आई है लेकिन तुरंत इस्तेमाल किए जाने वाले सक्रिय परमाणु बमों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हो गई है। साल 2021 में परमाणु हथियार संपन्न देश अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इस्राइल और उत्तर कोरिया के पास कुल 13,080 परमाणु बम हैं। साल 2020 में यह आंकड़ा 13,400 था।