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पति ने कर्ज लेकर पत्‍नी को पढ़ाया, नर्स बनते ही मुंह फेरा

प्रयागराज में ज्योति मौर्या (Jyoti Maurya in Prayagraj) और आलोक मौर्या (Alok Maurya) का मामला अभी पूरी तरह थमा भी नहीं है। कानपुर देहात (Kanpur Dehat) का दूसरा मामला भोगनीपुर कोतवाली क्षेत्र (Bhoganipur Kotwali area) के डीघ गांव का मामला सामने आया है। इसमें नर्स की नौकरी मिलने पर पत्नी ने ट्रक ड्राइवर को बायबाय कह दिया, जिसका पक्ष ससुरालीजन ले रहे हैं।

दोनों बेटों से भी नहीं मिलने दिया जाता। जिलाधिकारी को प्रार्थनापत्र देकर गुहार लगाई है। महिलाओं ने शादी के बाद पढ़कर यदि कुछ हासिल कर लिया, तो उन्हें पति का काम उनसे कमतर लगने लगता है। हालांकि प्रयागराज के आलोक मौर्या का बाद सभी पीड़ित पतियों ने हिम्मत दिखानी शुरू कर दी है।

भोगनीपुर कोतवाली क्षेत्र के डीघ निवासी रामकुमार ने बताया कि वह ट्रक ड्राइवर है। उसकी शादी सन 2002 में जालौन थाना कदौरा के तिरही गांव निवासी सीमा के साथ हुई थी। शादी के बाद पत्नी ने पढ़ाई कर नौकरी करने की इच्छा जताई थी। उसको उसने बलिया में नर्सिंग की पढ़ाई कराई थी।

सरकारी नौकरी मिली, तो घर से चली गई
उसके दो बेटे हैं। पत्नी की पढ़ाई पूरी कराने के लिए कर्ज लिया था। जिसकी भरपाई कर रहा हूं। इसके बाद उसे कहां नौकरी मिली यह नहीं बताती है। पिता से कहा था कि उसे सरकारी नौकरी मिल गई है। घर से सामान लेकर चली गई थी। तीन साल पूर्व पिता की मौत में वह आई थी। तब उसने कहा था कि वह तुम्हारे साथ नहीं रहना चाहती।

ससुरालीजन मारपीट भी करते हैं
तब से आज तक नहीं आई और बात भी नहीं करती है। प्रशासन से कई बार फरियाद की, लेकिन उसे महिला होने का फायदा मिला। आज पत्नी और बच्चे कोई भी साथ नहीं है। झांसी, ग्वालियर, कानपुर में नर्स की नौकरी करने की सूचना मिलती है। पत्नी के भाई भी बहन का ही पक्ष लेते हैं। ससुराली जन उसके साथ मारपीट भी करते हैं।

एक आदमी कहता है, तुम दूसरी शादी कर लो
एक मोबाइल नंबर से उसके पास अक्सर फोन आता है। वह उसे दूसरी शादी करने के लिए कहता रहता है। फोन कौन करता है, इसकी भी जानकारी नहीं है। रामकुमार ने अधिकारी से न्याय दिलाए जाने की गुहार लगाई है। जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर मदद करने की बात कही है।

डीएम बोलीं- जांच के आधार पर होगी कार्रवाई
वहीं, डीएम नेहा जैन ने बताया कि वह आज मैथा में आयोजित उपनिबंधक कार्यालय के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल होने गईं थीं। उनके कार्यालय में एडीएम शिकायतें सुन रहे थे। अगर प्रार्थना पत्र आया है, तो जांच कराएंगे। उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।