उत्तर प्रदेश से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. जिसे सुनने के बाद आप भी सन्न रह जाएंगे. दरअसल ये पूरा मामला सिद्धार्थनगर (Siddharth Nagar) जिले के उस्का बाजार थानाक्षेत्र के रेहरा बाजार मुहल्ले का है. जहां पर पति के मौत के बाद पत्नी ने 4 दिनों तक उसका अंतिम संस्कार नहीं करने दिया. पत्नी की जिद थी कि पहले प्रशासन मकान को उसके नाम करवाए. कहा जा रहा है कि, जिस मकान पर पत्नी दावा ठोक रही है उसे 4 साल पहले ही उसका पति ककिसी के हाथ बेच चुका था और मामला कोर्ट में चल रहा है. अभी भी मकान पर मृत शख्स के परिवार वाले ही रह रहे हैं.
बताया जा रहा है कि, जब पत्नी की जिद की बात पुलिस प्रशासन को पता चली तो, उन्होंने संक्रामक बीमारी फैलने के डर को देखते हुए मृतक शख्स के परिजनों को काफी समझाया. उस दौरान पुलिस और अधिकारी ही नहीं बल्कि आसपास के लोग भी मृतक की पत्नी अंजू जायसवाल को समझा बुझा रहे थे. लेकिन इसके बाद भी परिवार वाले ये मानने को तैयार नहीं थे. ऐसे में अब आरोप लगा है कि, इसके चलते पुलिस ने परिजन के किसी सदस्य के साथ मारपीट भी की. काफी जद्दोजहद के बाद अंत में मृतक के छोटे भाई सुरेश ने पूरी विधि के साथ मृतक भाई के अंतिम संस्कार को संपन्न किया.
परिवार वालों की माने तो उस्का बाजार थानाक्षेत्र के रेहरा बाजार के स्थानीय निवासी गजेंद्र प्रसाद की मौत रविवार के दिन ही हो चुकी थी. पति के निधन के बाद स्वर्गीय गजेंद्र की पत्नी ने अपने बेटे के गुजरात से वापसी आने तक इंतजार किया. मंगलवार की रात बेटे के वापस आने के बाद भी जब मृतक का अंतिम संस्कार नहीं हुआ तो सूचना पाकर मौके पर अधिकारी उसके घर पहुंचे. इस दौरान जब घरवालों से इस बारे में अधिकारियों ने पूछताछ की तो, गजेंद्र की पत्नी अंजू और उनकी बेटी ने ये शर्त रखी कि, जब तक उसके मकान को उसके नाम नहीं किया जाएगा, तब तक वो अंतिम संस्कार नहीं करेंगी.