भाजपा पंडित दीनदयाल उपाध्याय की स्मृति में गुरुवार को समर्पण दिवस मना रही है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसंघ के संस्थापकों में से एक रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि के मौके पर भाजपा कार्यकर्ताओं और सांसदों को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत की विदेश नीति दबाव से मुक्त होकर राष्ट्र प्रथम की भावना से आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी विचारधारा देशभक्ति की है, हमारी राजनीति में भी राष्ट्रनीति सर्वोपरि है।
पीएम ने कहा कि आज हम सभी दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर अनेक चरणों में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एकत्र हुए हैं। पहले भी अनेकों अवसर पर हमें दीनदयाल से जुड़े कार्यक्रमों में शामिल होने का, विचार रखने का और अपने वरिष्ठजनों के विचार सुनने का अवसर मिलता रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले कि हमारी सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी फाइलों को खोला, उन्हें जो सम्मान मिलना था वो हमारी सरकार ने दिया। पीएम मोदी ने कहा कि कुछ दिनों में पांच राज्यों में चुनाव है, हमें जनता के बीच में जाना है। देश ने हमारी नीति और नीयत को देखा-परखा है, उसी को लेकर हम आगे बढ़ेंगे। पीएम मोदी ने बीजेपी के कार्यकर्ताओं से कहा कि आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं, ऐसे में सभी कार्यकर्ता 75 काम जरूर करें और उसका हिसाब रखें।
पीएम मोदी ने कहा कि एक ऐसी अर्थव्यवस्था का मंत्र दीनदयाल जी ने दिया, जिसमें पूरा भारत शामिल रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी विचार धारा देशभक्ति की है, हमारी राजनीति में भी राष्ट्रनीति सर्वोपरि है। पीएम मोदी ने कहा कि बहुमत से सिर्फ सरकार चलती है, देश सहमति से चलता है। हम अपने राजनीतिक विरोधियों का सम्मान करते हैं। हमने प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न दिया, तरुण गोगोई को भी पद्म सम्मान दिया। हमारी पार्टी में वंशवाद नहीं कार्यकर्ता को जगह दी जाती है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने जन-जातीय के लिए अलग मंत्रालय बनाया। हमने सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को आरक्षण दिया। BJP सरकार के दौरान राज्यों के बंटवारे भी शांति से हुए। लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया, सभी खुश हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय लगातार समाज और हमें प्रेरणा देने का काम करते आए हैं। दीनदयाल जी के विचारों में हर बार नई ताजगी देखने को मिलती है। मौजूदा वक्त में भी उनके विचार उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने पहले थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि सत्ता की ताकत से आपको सीमित सम्मान मिल सकता है, लेकिन विद्वान का सम्मान हर जगह होता है। दीनदयाल एक विचार को लेकर आगे बढ़ रहे थे, लेकिन वो अन्य विचार वालों के साथ भी सहज थे। दीनदयाल जी ने अपनी पॉलिटिकल डायरी में नेहरू जी की सरकार की आलोचना की थी, लेकिन जब उस किताब को प्रकाशित किया तो उन्होंने कांग्रेस नेता संपूर्णानंद से ही लिखवाया।
पीएम मोदी बोले कि दीनदयाल कहते थे कि एक सबल राष्ट्र ही विश्व का कल्याण कर सकता है, आत्मनिर्भर भारत भी इसी का उदाहरण है। कोरोना काल में देश ने अंत्योदय की भावना को सामने रखा। कोरोना काल में भारत दुनिया को वैक्सीन दे रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत में डिफेंस कॉरोडिर, स्वदेशी हथियार, तेजस जैसे विमान भी बन रहे हैं।