पंजाब गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष सचिन शर्मा ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की फैसले का स्वागत किया, जिसमें कोर्ट ने केंद्र सरकार से गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए कहा है।
सूचना और जनसंपर्क विभाग, पंजाब के एक बयान के अनुसार, इस संबंध में आयोग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए शर्मा ने कहा कि कानूनी विशेषज्ञ भी गाय के अद्वितीय महत्व को मानते हैं और पवित्र शास्त्रों के अनुसार गाय भारतीय संस्कृति और भक्ति का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 5 अगस्त, 2020 और 15 जून, 2021 को लिखे गए पत्रों का जिक्र करते हुए उन्होंने गाय को नेपाल की तरह राष्ट्रीय पशु मानने को कहा, उन्होंने मोदी सरकार से पूछा कि अपील पर अब तक क्या कार्रवाई हुई है. बयान में कहा गया है कि उन्होंने अफसोस जताया कि उन पत्रों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया और गोवंश के खिलाफ क्रूरता को रोकने के लिए अब तक कोई ठोस कानून नहीं बनाया गया है।
बयान में कहा गया, “सभापति ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार वास्तव में गायों के महत्व को पूरी तरह से भूल गई है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के किसी भी कार्यकर्ता ने गायों के कल्याण के लिए कुछ भी सार्थक नहीं किया है।”
शर्मा ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करना चाहिए।उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि जिस भूमि पर गौमाता का अपमान होता है, वहां किया गया कोई भी धार्मिक कार्य सफल नहीं हो सकता।”
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि गाय भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग हैं और केंद्र सरकार को पशु को मौलिक अधिकार देने और इसे राष्ट्रीय पशु घोषित करने का सुझाव दिया। कोर्ट का यह फसल तब आया जब न्यायमूर्ति शेखर यादव की एकल पीठ जावेद नाम के एक व्यक्ति की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे उत्तर प्रदेश में गोहत्या अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी।