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ना ऑक्सीजन, ना एम्बुलेंस फिर भी है अस्पताल, पिता को ले जाना पड़ा बाइक पर बेटी का शव

कोरोना का कोहराम भीषण तबाही मचाता जा रहा है। लोगों को अब चिकित्सालयों में बेड, दवाई के साथ एम्बुलेंस भी मिलना कठिन होती जा रही है। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में एक हृदयविदारक घटना हुई है। एक 19 साल की लड़की ने सांस न आने की वजह से तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। सरकारी चिकित्सालय में उसको कोई मदद नहीं मिल सकी। गंभीर हालत में लड़की के पिता उसे मोटरसाइकिल से लेकर सरकारी ट्रामा सेंटर पहुंचे थे। लड़की को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और सरकारी ट्रामा सेंटर में ऑक्सीजन नहीं थी। ऑक्सीजन की कमी के लड़की को भर्ती नहीं किया गया और उसकी मौत हो गई। बेटी की मौत से दुखी पिता ने बताया कि यहां पर इलाज नहीं मिल रहा है और ऑक्सीजन भी नहीं है। आक्सीजन नहीं होने से भर्ती भी नहीं कर रहे हैं। डॉक्टरों ने लड़की को देखकर मृत घोषित कर दिया और कई बार कहने के बाद एंबुलेंस भी नहीं दी गई। बेटी की बाद से परिवार में मातम का माहौल है। फिरोजाबाद में सरकारी स्वास्थ्य सेवा का फिलहाल शहर में इकलौता केंद्र सरकारी ट्रामा सेंटर है। जहां की हालत बद से बदतर है। कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाएं बेपटरी हो चुकी हैं।

टूंडला के जरौली कला गांव के शिवनारायण की बेटी की तबियत अचानक खराब हो गई और लड़की को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। पीड़ित लड़की का कोविड टेस्ट नहीं हुआ था और उसे सांस लेने में काफी परेशानी हो रही थी। एंबुलेंस बुलाने के लिए कई बार फोन किया लेकिन नहीं मिली। इसके बाद पिता मोटरसाइकिल पर बेटी को लेकर अस्पताल पहुंचे। डॉक्टर ने लड़की की जांच की और पिता को बताया कि यहां पर ऑक्सीजन नहीं है। ऑक्सीजन नहीं होने से भर्ती नहीं किया जा सकता है। इस दौरान लड़की की मौत हो गई और पिता मौके पर बिलख-बिलख कर रोने लगा।

पिता ने बताया कि उसकी बेटी को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। यहां लाया तो देखा कि न ऑक्सीजन है और न ही कोई सुनने वाला नहीं है। जिसकी वजह से उनकी बेटी की मौत हो गई। ज्ञात हो कि मौत पर शव को एंबुलेंस या सरकारी गाड़ी से भेजा जाता है लेकिन सरकारी ट्रामा सेंटर पर ऐसा कोई इंतजाम नहीं था। फिर मजबूर पिता को बेटी का शव मोटरसाइिकल पर ही घर लेकर जाना पड़ा। इस मौत और व्यवस्था के बाद उत्तर प्रदेश सरकार की स्वास्थ्य सेवा का वादा एक दम खोखला साबित हो रहा है।