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नवाज शरीफ के करीबियों को मंत्री पद से नहीं नवाजा, चाचा शहबाज पर भड़कीं मरियम नवाज

पाकिस्तान में लंबे संघर्ष के बाद बनी शहबाज शरीफ की नई सरकार का हनीमून पीरियड चंद दिनों में ही खत्म होता दिख रहा है। एक तरफ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी कैबिनेट का हिस्सा नहीं बने हैं तो वहीं पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज में ही मतभेद की स्थिति है। ‘डॉन’ अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक शहबाज शरीफ ने जिन 33 नेताओं को मंत्री बनाया है, उनमें से महज एक नेता ही नवाज शरीफ का करीबी है। इसके चलते नवाज शरीफ की बेटी अपने चाचा शहबाज शरीफ से खुश नहीं हैं। कहा जा रहा है कि शहबाज शरीफ ने अपने बड़े भाई के करीबी नेताओं को नई सरकार में किनारे लगा दिया है और अपने वफादारों को ही सत्ता में भागीदार बनाया है। नवाज शरीफ फिलहाल ब्रिटेन में रह रहे हैं।

सूत्रों का कहना है कि शहबाज शरीफ की कैबिनेट में नवाज के सिर्फ एक ही करीबी नेता जावेद एल. लतीफ को जगह दी गई है। उन्होंने भी मंगलवार को शपथ नहीं ली थी। मरियम नवाज गुट के लोगों का कहना है कि शहबाज शरीफ ने सरकार गठन में सही व्यक्ति को सही काम देने की बात कही थी, लेकिन ऐसा नहीं है। उनका कहना है कि नवाज शरीफ के किसी भी करीबी को जगह नहीं मिली है और शहबाज ने चुन-चुनकर अपने वफादारों को कैबिनेट में भर लिया है। नवाज शरीफ के करीबी कहे जाने वाले नेताओं इरफान सिद्दीकी, परवेज राशिद, मुहम्मद जुबैर आदि को बाहर रखा गया है।

नवाज शरीफ कैंप ने आरोप लगाया है कि एजुकेशन सेक्टर में 25 साल का अनुभव रखने वाले सिद्दीकी को जगह नहीं दी गई है, जबकि राणा तनवीर को शिक्षा मंत्री बनाया है, जिनके पास कोई अनुभव नहीं है। एक तरफ पीएमएल-एन में कोहराम मचा है तो वहीं पीपीपी ने भी टेंशन दे दी है। बिलावल भुट्टो जरदारी ने मंत्री पद ही नहीं स्वीकार किया है। इसके अलावा उनकी ही पार्टी के एक और नेता मुस्तफा नवाज खोखर ने भी शपथ नहीं ली। इसकी वजह यह थी कि उन्हें राज्य मंत्री बनाया जा रहा था, जबकि वह कैबिनेट मंत्री बनाए जाने की मांग कर रहे थे।

लंदन के लिए निकले बिलावल भुट्टो जरदारी, नवाज से करेंगे शिकायत

चर्चाएं यहां तक हैं कि बिलावल भुट्टो जरदारी लंदन के लिए निकल गए हैं और वहां नवाज शरीफ से मुलाकात कर सरकार गठन में सही स्थान न मिलने पर अपनी बात रखेंगे। फिलहाल बिलावल की पार्टी की नजर राष्ट्रपति और पंजाब के गवर्नर पद पर है। बता दें कि शहबाज शरीफ ने अपने बेटे हमजा शहबाज को ही पंजाब का सीएम भी बना दिया है, जो सियासी लिहाज से पाकिस्तान का सबसे अहम सूबा है। इसके अलावा नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज को कोई अहम जिम्मेदारी नहीं मिली है। ऐसे में पार्टी के संस्थापक नवाज शरीफ का ही परिवार साइडलाइन महसूस कर रहा है।