नकदी संकट से जूझ रही पाकिस्तान सरकार ने महालेखाकार को मौजूदा आर्थिक संकट के कारण वेतन समेत अन्य खर्चों को मंजूरी नहीं देने का निर्देश दिया है। ‘द न्यूज इंटरनेशनल’ ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया है कि वित्त व राजस्व मंत्रालय ने पाकिस्तान के महालेखाकार (AGPR) को अगली सूचना तक संघीय मंत्रालयों/डिवीजनों और संबद्ध विभागों के सभी बिलों को मंजूरी देने पर रोक लगाने का भी निर्देश दिया है।
समाचार पत्र ने बताया कि परिचालन लागत से संबंधित रिलीज को मुख्य रूप से देश के सामने आर्थिक कठिनाई के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार कुछ सप्ताह पहले 2.9 बिलियन अमरीकी डालर के चिंताजनक स्तर पर पहुच गया था यह अब 4 बिलियन अमरीकी डॉलर के करीब पहुंच गया है। पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से वित्त पोषण की 1.1 बिलियन अमरीकी डालर की किस्त का बेसब्री से इंतजार कर रहा है।
वित्त मंत्री इशाक डार से जब अखबार ने इस मसले पर टिप्पणी के लिए संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि यह असत्य हो सकता है लेकिन उन्होंने साथ ही पुष्टि के बाद सही स्थिति की जानकारी देने का वादा किया। सूत्रों ने कहा कि वे अपने बकाया बिलों को मंजूरी देने के लिए एजीपीआर कार्यालय गए थे लेकिन उन्हें सूचित किया गया कि वित्त मंत्रालय ने उन्हें मौजूदा कठिन वित्तीय स्थितियों के कारण वेतन सहित सभी बिलों को मंजूरी देने से रोकने का निर्देश दिया है।
सूत्रों के अनुसार हालांकि सटीक कारणों का पता नहीं चल सका है कि बिलों की मंजूरी को तत्काल आधार पर क्यों रोका गया। रक्षा से जुड़े संस्थानों के वेतन और पेंशन को पहले ही अगले महीने के लिए मंजूरी दी जा चुकी है। वित्त मंत्री डार ने 22 फरवरी को रोथ्सचाइल्ड एंड कंपनी के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के दौरान कहा था कि सरकार अर्थव्यवस्था को स्थिरता और वृद्धि की ओर ले जा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार आईएमएफ कार्यक्रम को पूरा करने और सभी अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। आईएमएफ की किस्त को अनलॉक करने की डार की प्रतिबद्धता 20 फरवरी को दिखी थी जब नेशनल असेंबली ने सर्वसम्मति से वित्त (पूरक) विधेयक 2023 या “मिनी बजट” को मंजूरी दी थी। यह कदम आईएमएफ से वित्त पोषण की मांग के लिए अनिवार्य था।
विधेयक में कारों और घरेलू उपकरणों से लेकर चॉकलेट व सौंदर्य प्रसाधनों तक के आयात पर बिक्री कर 17 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है। सामान्य बिक्री कर को 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया। विधेयक पारित होने के बाद मंत्री ने संसद के निचले सदन में कहा, ”प्रधानमंत्री अगले कुछ दिनों में मितव्ययिता के उपायों की भी घोषणा करेंगे.” उन्होंने कहा, ”हमें कठिन फैसले लेने होंगे।”
देश की साप्ताहिक मुद्रास्फीति में 23 फरवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान पिछले हफ्ते की तुलना में 2.78% बढ़ी जबकि वार्षिक आधार पर इसमें 41.54 प्रतिशत की वृद्धि दिखी। पाकिस्तान सरकार ने आईएमएफ के 6.5 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज के तहत 1.5 बिलियन डॉलर का किस्त हासिल करने के लिए गैस की कीमतों को 147.57 रुपये से बढ़ाकर 295 रुपये कर दिया है।
विश्लेषकों ने पिछले सप्ताह कहा था कि सरकार के इस फैसले से मुद्रास्फीति पर दबाव बढ़ेगा क्योंकि सरकार ने आईएमएफ से मदद हासिल करने के लिए बिजली, पेट्रोलियम और गैस की कीमतों में समायोजन किया है। उपभोक्ता आवश्यक वस्तुओं, विशेष रूप से खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों के बोझ तले पहले से दबे हुए हैं।