राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान ito पर हुई हिंसा में दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की छह बसों और पुलिस के पांच वाहनों में तोड़फोड़ की गयी। घटना के संबंध में दर्ज एक प्राथमिकी में यह कहा गया है। प्राथमिकी में दावा किया गया है कि इलाके में 600 ट्रैक्टरों के जरिए 10,000 से ज्यादा किसानों के दाखिल होने के बाद कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और लोहे के 70 अवरोधकों को तोड़ दिया गया। दिल्ली पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने तिलक ब्रिज से लुटियन दिल्ली में दाखिल होने का प्रयास किया जबकि इंद्रप्रस्थ इस्टेट थाना क्षेत्र में ट्रैक्टर परेड आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गयी थी। इसी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है।
प्राथमिकी के मुताबिक किसानों ने बैरिकेड तोड़ डाले और आईटीओ में ट्रैक्टरों से डीटीसी की बसों को टक्कर मारी और पुलिसकर्मी को कुचलने का प्रयास किया। प्राथमिकी में कहा गया है, ‘‘पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन वे लुटियन क्षेत्र में जाने के लिए डटे रहे। उन्होंने मीडियाकर्मियों के वाहनों और उपकरणों को भी नुकसान पहुंचाया।’’ किसानों की मांगों को रेखांकित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर मंगलवार को निकाली गयी ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के कारण अराजक दृश्य पैदा हो गए। बड़ी संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़ते हुए लालकिला पहुंच गए और उसकी प्राचीर पर उस स्तंभ पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया जहां भारत का तिरंगा फहराया जाता है। इस दौरान आईटीओ एक संघर्ष क्षेत्र की तरह दिख रहा था जहां गुस्साये प्रदर्शनकारी वाहनों को क्षतिग्रस्त करते दिखे। सड़कों पर ईंट और पत्थर बिखरे पड़े थे। पुलिस ने प्राथमिकी में कहा है, ‘‘पुलिसकर्मी रामचरण अग्रवाल चौक, आईटीओ पर तैनात थे। दोपहर 12 बजे सरायकाले खां की तरफ से एमजीएम मार्ग पर 500 से 600 ट्रैक्टरों पर सवार होकर 9,000 से 10,000 प्रदर्शनकारी आईटीओ आ गए।