आम तौर पर महिलाओं को घर संभालने और पढ़ाई लिखाई की नसीहत दी जाती है. लेकिन राजस्थान के उदयपुर की रहने वाली कोमल थोड़ी अलग है. क्योंकि यह पढ़ाई के साथ साथ सांपों के रेस्क्यू का काम भी कर रही है. अभी तक यह करीब 300 से अधिक सांप को रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित जंगलों में छोड़ चुकी है. फर्स्ट ईयर में पढ़ने वाली कोमल गमेती को बचपन से ही वन्य जीवों को बचाने की प्रेणना मिलती रही. ग्रामीण क्षेत्र में रहने की वजह से बचपन से ही अपने क्षेत्र के वन्य जीवों को ग्रामीणों द्वारा मारते देखा. लेकिन मन में बचाने के इच्छा धीरे- धीरे बढ़ती गई. सोशल मीडिया के जरिए वन्य जीवों को बचाने के तरीके भी खोजने रही.
कोमल ने बताया कि जब वहां 12वीं कक्षा की पढ़ाई करने के लिए उदयपुर पहुंची तो उन्होंने यहां के स्नेक कैचर चमन सिंह के बारे में सुना. उनसे मिलने की इच्छा जाहिर की इसके बाद किस तरीके से सांपों का रेस्क्यू करना है, इसकी ट्रेनिंग लेने के बाद खुद ही जहरीले सांप का रेस्क्यू कर रही है.
वाइल्ड लाइफ रेस्क्यू सेंटर के स्नेक कैचर चमन सिंह ने बताया की उदयपुर में रहते हुए कोमल जब हमारे पास आई तो उसने किस तरीके से वन्य जीवों को पकड़ना है. इसके बारे में जानकारी प्राप्त चाहती थी. इसी क्षेत्र में कार्य भीं करना चाहती थी. स्नेक कैचिंग की ट्रैनिग दी गई. अब तक 350 से अधिक जहरीले सांप पकड़ चुके है.
सांप भी मानव से रते हैं, जिस कारण वे लोग काटते हैं जबकि लोगों को भी डर लगता है. इससे दोनों को बचाव करने के लिए वे यह काम करती है. उन्होंने बताया कि वे अब तक रसल्स वाइपर, स्पेक्टिकल कोबरा, सॉफ्ट स्केल्ड वाइपर, कॉमन करैत, इंडियन करैत, ट्री स्नेक जैसे सांपों को पकड़ चुकी है.