चीन (China) ने शनिवार को दावा किया कि तिब्बती धर्मगुरु (Tibetan spiritual leader) दलाई लामा (Dalai Lama) के अगले उत्तराधिकारी (Successor) 14वें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो (14th Dalai Lama Tenzin Gyatso) चुनने का एकमात्र अधिकार चीन के पास है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Party) की सरकार अगले दलाई लामा के चयन में अंतिम अधिकार के अपने दावों पर कायम है। दरअसल, चीन का ये दावा यूएस-तिब्बत नीति के विपरीत है, जिसमें कहा गया है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी का चयन करना तिब्बतियों के हाथों में है।
तिब्बत के वर्तमान में दलाई लामा, तेनजिन ग्यात्सो हैं, उन्हें उत्तराधिकारी के रूप में तब चुना गया था जब दो साल के थे। तिब्बत पर चीन के अधिकार के बाद वह भारत निर्वासित हो गए और तब से हमेशा चीन के निशाने पर रहे। अगले दलाई लामा को कैसे चुना जाएगा ये तय करने के लिए चीनी अधिकारियों ने आदेश पारित किया है।
नए आदेश में क्या?
इनमें से 1 सितंबर, 2007 का आदेश (आदेश संख्या 5) है जो तिब्बती बौद्ध धर्म में जीवित बुद्धों के पुनर्जन्म के प्रबंधन पर उपायों की रूपरेखा तैयार करता है। इस आदेश के अनुसार, अगले दलाई लामा के लिए पुनर्जन्म के आवेदन को चीन के सभी बौद्ध मंदिरों द्वारा पुनर्जन्म लामाओं को पहचानने की अनुमति देने से पहले भरा जाना चाहिए।
चीनी राज्य ने खुद को अंतिम मध्यस्थ बना लिया
इस तरह से चीनी राज्य ने खुद को अंतिम मध्यस्थ बना लिया कि क्या लामा का पुनर्जन्म होता है या नहीं? जिसकी वजह से ये कहने की जरुरत नहीं है कि देश और विदेश में तिब्बतियों को निराशा है। पुनर्जन्म वह विश्वास प्रणाली है जो तिब्बत में प्रचलित है। इसके अनुसार, एक उच्च लामा अपने परिनिर्वाण के बाद मानव रूप में जन्म लेते हैं, जिसका अर्थ है संसार, कर्म और पुनर्जन्म से मुक्ति।