साल 2020 में कोरोना(Corona) ने बहुत कहर बरपाया। कोरोना का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है। उसके प्रति सावधानी बरतना आज भी उतना जरूरी है, जितना की कल तक था। कोरोना के सदमे से अभी पूरी तरह दुनियां उबर भी नहीं पाई है, कि उससे पूर्व ही एक बड़ा संकट सामने आने वाला है। दरअसल, इस साल की ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट (Global Risks Report) सामने आ गई है, जिसमें दुनिया पर मंडराते खतरे के बारे में बताया गया है और इससे सावधान रहने के लिए भी चेतावनी दे दी गई है।
ऐसा जा सकता है साल 2021
ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट के अनुसार दुनियां पर कोरोना से भी बड़ा खतरा दुनियां पर छाने वाला है। आपकों बता दें कि अगले 5 से 10 सालों में भू-राजनीतिक स्थिरता (Geopolitical Stability) गंभीर रूप से कमजोर होने वाली है। अगर ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट सही निकली तो दुनियां को अरबों00 (Billions) रूपये का नुकसान झेलना पड़ जाएगा और इसका मतलब ये , जितना अभी संभला भी नहीं है उतनी ही एक बार फिर वैश्विक अर्थव्यवस्था (Global Economy) नीचे चली जाएगी। आने वाले वक्त में वैश्विक महामारी (Pandemic), आर्थिक मंदी (Economic Recession), राजनीतिक उथल-पुथल और लगातार बिगड़ता जलवायु संकट (Climate Crisis) विश्व (World) के सामने मुसीबत बन सकता है।
अब जलवायु संकट के खतरे ने दी दस्तक
साल 2020 में तो कोरोना ही संकट पूरी दुनिया के लिए संकट बना रहा। पर इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि जलवायु से जुड़े मामले कम हार्मफुल हैं। जलवायु संकट से जुड़े मामलों को मानव के लिए एक तरह से खतरा माना जाता है, इस कारण ये ज्यादा संवेदनशील हैं। लॉकडाउन (Lockdown) और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार (International Trade) और यात्रा पर रोक लगने के कारण कार्बन उत्सर्जन में गिरावट के बाद भी जलवायु संकट एक सोचने योग्य मुद्दा है, क्योंकि जैसे कोरोना की जंग जीत कर हमारी लाइफ थोड़ा ठीक ही होगी कि, तो उत्सर्जन बढ़ने लगेगा और फिर से जलवायु का संकट गहरा होने लगेगा। आपकों बता दें कि साल 2021 की Global Risks Report फोरम के कई नेतृत्व समुदायों के 650 से भी ज्यादा लोगों की कड़ी मेहनत का नतीजा है और इसके लिए दुनिया भर से जानकारी एकत्रित की गई है। जलवायु संकट के अलावा भी कई अन्य खतरे पूरी दुनियां में ड़र फैलाए हुए हैं।