हम सभी मां का दर्जे को सबसे ऊपर मानते हैं. ऐसा कहा जाता है कि केवल एक मां ही ऐसी होती है, जो सौ मुश्किलों में घिरी होने के बावजूद अपने बच्चों को बर मुसीबतों से दूर रखती है. लेकिन अब ऐसा कम देखने को मिलता है, आज कल मां ही अपने बच्चों की दुश्मन बन बैठी है, अपने क्रोध और अहम के आगे उनकी मां की ममता हार मान जाती है. ऐसी ही एक घटना पश्चिमी बेंगलुरू से सामने आई है, जहां एक मां ने अपनी ही 3 वर्ष की बेटी का गला घोट कर उसकी जान ले ली. इस महिला की उम्र 26 साल की है वो महिला केवल अपनी मासूम बेटी से एक बात पर नाराज हो थी कि उसकी लाडो हमेशा अपने पिता का साथ दे देती थी. बीते दिनों ही दोनों पति-पत्नी का टीवी रिमोट जैसी छोटी सी बात को लेकर झगड़ा हुआ था जिसमें बेटी ने पिता का साथ दे दिया था. महिला को इस बात पर गुस्सा आ गया और ये केस गढ़ गया.
क्या है मामला
इस निष्ठुर महिला का नाम सुधा है जिसने की एक निर्माणाधीन इमारत में ले जा कर अपनी ही फूलों जैसी बेटी की गला दबाकर हत्या कर दी. पश्चिमी बेंगलुरू में टाइल्स की एक दुकान पर हाउसकीपिंग स्टाफ में सुधा कार्यरत थी. उसका पति इरन्ना दिहाड़ी पर एक मजदूर है.
बेटी को मौत के घाट उतारने के बाद सुधा उसके लापता होने का ढ़ोंग करती रही. उसने पति के साथ बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई. पुलिस को सुधा ने बताया कि वो बेटी को घर से बाहर चाट की दुकान पर गोभी मंचूरियन खिलाने ले गयी थी और जब वो पैसे देने लगी इतने में ही उसकी बेटी लापता हो गई.
दूसरे दिन एक राहगीर ने निर्माणाधीन इमारत के पास से जाते वक्त बच्ची के शव को देखा और इसकी सूचना पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्ची की पहचान की और फिर सुधा और इरन्ना को बुलाया.
सुधा की बातें सुनकर पुलिस को उसपर कुछ शक हो गया. फिर पुलिस चाट की दुकान पर गयी और वहां पर सुधा से पूछताछ की. जब पुलिस ने सख्ती दिखाई तो सुधा ने सारी बात उगल दी.