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गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए इन जिलों के 522 गांवों की खरीदी जाएगी जमीन

गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से है। उन्होंने परियोजना के लिए जमीन खरीदने की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि किसी भी स्थिति में जून मध्य तक एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि क्रय की प्रक्रिया पूरी कर ली जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि 594 किलोमीटर लंबाई वाला यह एक्सप्रेस-वे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई उड़ान देने वाली होगी। इस एक्सप्रेस वे से उत्तर प्रदेश में परिवहन को गति मिलेगी। मुख्यमंत्री ने यूपीडा के अधिकारियों और सं बंधित मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों के साथ परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे निर्माण को मिशन मोड में करने की जरूरत है। उन्होंने जल्द होने जा रहे पंचायत चुनावों का हवाला देते हुए कहा कि चुनाव में राजस्व विभाग के कर्मियों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी, ऐसे में इस परियोजना के लिए एक अलग और समर्पित टीम बनाई जाए। इस टीम के सदस्यों को पंचायत चुनाव से अलग रखा जाये ताकि भूमि खरीद की प्रक्रिया समय से पूरी हो सके।

उन्होंने कहा कि कुछ जिलाधिकारियों द्वारा अतिरिक्त मानव संसाधन की जरूरत बताये जाने पर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और राजस्व परिषद को अगले दो दिनों के भीतर इसकी पूर्ति करने के निर्देश भी दिये। भूमि रजिस्ट्री की जनपदवार स्थिति से अवगत होते हुए मुख्यमंत्री ने संतोष जताया। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्री कार्यालयों पर कोविड-19 प्रोटोकॉल का भी पालन सुनिश्चित हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि रजिस्ट्री करने वाले पहले 100 किसानों को सरकार सम्मानित भी करेगी।यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि 12 जिलों के कुल 522 गांवों की भूमि क्रय की जानी है।

गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ-बुलंदशहर मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 334) पर मेरठ जिला के बिजौली गांव के समीप से प्रारंभ होगा। गंगा एक्सप्रेसवे प्रयागराज बाईपास (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19) पर प्रयागराज जिला के जुडापुर दांदू गांव के समीप समाप्त होगा। यह एक्सप्रेस वे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिले से गुजरेगा। एक्सप्रेस-वे के लिए पीपीपी मोड पर अप्रैल में आरएफपी कम आरएफक्यू आमंत्रित किया जाना है।