प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में किसानों को केंद्र में रखा है। इसी वजह अब तक केंद्र सरकार किसानों को लेकर कई बड़े ऐलान कर चुकी है। इसी बीच, बुधवार को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में पीएम मोदी ने गन्ना किसानों के लिए बड़ा फैसला लिया। जिससे गन्ना किसानों को काफी राहत मिली है। दरअसल कैबिनेट बैठक के बाद केंद्र सरकार ने गन्ने का एफआरपी 10 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ा दिया है।
वहीं, पीएम मोदी के इस फैसले के बाद गन्ना खरीद मूल्य 285 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। हालांकि इससे पहले साल 2019-20 की तुलना में खरीद मूल्य में कोई बदलाव नहीं किया गया था। जिस वजह से किसानों ने काफी विरोध किया था। बता दें कि सरकार ने गन्ने की खरीद मूल्य को Fair & Remunerative Price (FRP) के तौर पर घोषित किया जाता है। FRP वो मूल्य होता है जिस दर पर चीनी मिल किसानों से गन्ना खरीदते हैं। वहीं, हर साल चीनी वर्ष 1 अक्टूबर से शुरू होता है जो अगले साल की 30 सितंबर तक जारी रहता है। इतना ही नहीं, गन्ना किसानों के करीब 20 हजार करोड़ रुपये चीनी मिलो पर बकाया है। जिस वजह से एफआरी बढ़ाने का फायदा किसानों को मिलेगा या नहीं। ये भी सवाल है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार हर साल आरएफपी तय करती है लेकिन इसके अलावा राज्य सरकार भी किसानों के लिए गन्ने का दाम तय करती है। इसे एसएपी (राज्य परामर्शित मूल्य) कहा जाता है। पिछले साल 2019-20 में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गन्ने का एसएपी 325 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था। इस दौरान अगैती प्रजाति के लिए 325, सामान्य प्रजाति के लिए 315 और अनुपयुक्त प्रजाति के लिए 310 रुपये प्रति क्विंटल गन्ना मूल्य निर्धारित किया गया था।