भारत को गीदड़ भभकी देने वाला पड़ोसी देश पाकिस्तान अब अपनी सीमाओं की सुरक्षा करने में भी नाकाम साबित हो रहा है. इसको लेकर अब उसने अमेरिका के सामने हाथ फैलाया है. पाकिस्तान ने सीमा सुरक्षा बढ़ाने, अफगानिस्तान से हमलों को रोकने के लिए अमेरिका से फंड मांगा है. इस बात की जानकारी खुद पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने दी है. बिलावल ने कहा कि अफगानिस्तान से सीमा पार हमलों को रोकने के लिए उसकी सीमा सुरक्षा बढ़ाने में मदद के लिए अमेरिका इस्लामाबाद को फंड देने के लिए तैयार है.
बिलावट भुट्टे ने 14 दिसंबर से 21 दिसंबर तक अमेरिका का दौरा किया था, जहां उन्होंने विभिन्न शीर्ष नीति निर्माताओं से मुलाकात की और संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के भीतर विकासशील देशों के सबसे बड़े वार्ता समूह जी-77 और चीन के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन की अध्यक्षता की. पाकिस्तान के अखबार डॉन ने बताया कि पाकिस्तान को अमेरिका की ओर से सीमा सुरक्षा कोष साल 2023 में दिया जाएगा.
पाकिस्तानी ठिकानों पर बढ़े तालिबान के हमले- अमेरिका
भुट्टो ने एक सवाल के जवाब में कहा किअमेरिका के दो वरिष्ठ सीनेटरों ने बताया कि सीमा सुरक्षा में पाकिस्तान की मदद करने के लिए 2023 के बजट में उन्होंने फंड देने का प्रावधान किया है.19 दिसंबर को वाशिंगटन में एक समाचार ब्रीफिंग के दौरान, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान जैसे अफगानिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों ने हाल ही में पाकिस्तानी ठिकानों पर हमले बढ़ाए हैं, जो बेहद खतरनाक हैं. इनसे तेजी से निपटने के लिए अमेरिका पाकिस्तान को फंड मुहैया कराएगा.
आतंकवाद को हराना दोनों देशों का साझा लक्ष्य
प्राइस ने कहा, ”हमने अपने पाकिस्तानी दोस्तों के साथ साझेदारी की है ताकि उन्हें इस चुनौती का सामना करने में मदद मिल सके. हम सहायता के लिए तैयार हैं.अमेरिका की पेशकश पर टिप्पणी करते हुए पूर्व राजदूत तौकीर हुसैन और जॉर्ज टाउन विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर ने डॉन को बताया कि आतंकवाद को हराना दोनों देशों का साझा लक्ष्य है.