कोरोना महामारी की मार झेल रही दुनिया के लिए वैक्सीन किसी वरदान की तरह है. भारत में वैक्सीन का इंतजार ही हो रहा है और उससे पहले ही विवादों का खेल शुरू हो चुका है. मुंबई की रजा अकेडमी ने कोरोना वैक्सीन में सुअर की चर्बी होने का शक जाहिर करते हुए वैक्सीन के खिलाफ फतवा जारी कर दिया है. रजा अकेडमी की तरफ से डब्ल्यू एचओ को भी एक चिट्ठी लिखी गई है जिसमें कोरोना वैक्सीन की कंपोजिशन की जानकारी मांगी गई है.
रजा अकेडमी ने अपनी चिट्ठी में चीन की कंपनियों पर वैक्सीन के लिए सुअर और गाय की चर्बी के इस्तेमाल का शक जताया है. वैक्सीन में हलाल और हराम की बहस पर हंगामा शुरू हो गया है. खुद मुस्लिम समुदाय भी इस बहस के खिलाफ खड़ा हो गया है. पिछले सप्ताह ही सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कोरोना वैक्सीन की डोज ली थी. सऊदी यानी जो इस्लाम में सबसे पवित्र जगह है. जब वहां वैक्सीन पर कोई विवाद नहीं है तो फिर भारत में अफवाहों के आधार पर वैक्सीन पर सवाल उठाना समझ से परे है.
रजा अकेडमी मुंबई में स्थित है, ये सूफी शिक्षा के लिए मशहूर है. इससे पहले भी एआर रहमान के खिलाफ फतवा समेत रजा अकेडमी कई बार विवादों में रह चुका है. केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है ऐसी अफवाहें पहले भी फैलाई जा चुकी हैं. जबकि पेशे से डॉक्टर और समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन ने भी ऐसी बातों को बकवास करार दिया है. पूरी दुनिया में कोरोना से अब तक 18 लाख से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं. जबकि 8 करोड़ 29 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं. इस आंकड़े से आप कोरोना की गंभीरता समझ सकते हैं. ऐसे में जहां दुनिया बेसब्री से वैक्सीन का इंतजार कर रही है वहीं कुछ लोग वैक्सीन से पहले अफवाह के आधार पर दवा से पहले ही विवाद को हवा देने में लग गए हैं.