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कोरोना वायरस पर दुनिया के 511 वैज्ञानिकों ने दी राय, कहा- इनके आधार पर होगा फैसला

चीन के वुहान शहर से पनपा कोरोनावायरस का एंटीडोट अभी तक नहीं बन पाया है, हालांकि कई देशों में क्लीनिकल ट्रायल जोर पकड़ने लगा है. ऐसे में सवाल यह है कि क्या कोरोना की वैक्सीन बन पाएगी? चूंकि कोरोना वायरस एक खतरनाक वायरस है जो जंगली जानवरों से सीधा इंसान तक पहुंचा है. ये कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि चीन की लापरवाही का दंश आज पूरी दुनिया भुगत रही है. अगर वक्त रहते कोरोना वायरस के सैंपलों को नष्ट किया जाता तो शायद इतनी बड़ी त्रासदी उभर कर नहीं आती. हालांकि अमेरिका लगातार चीन का विरोध करता आ रहा है, चूंकि कोरोना वायरस को फैलाने के पीछे चीन का सबसे बड़ा हाथ है, लेकिन कोई वैज्ञानिक ऐसा करेगा क्यों? ये भी एक बड़ा सवाल है या फिर ऐसा हो सकता है कि गलती से यह वायरस लीक हुआ जिसका किसी को अंदाजा नहीं था, एक रिपोर्ट में यहां तक दावा किया गया है चीनी वैज्ञानिकों को इस वायरस की पहले से भनक थी लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जानकारी छुपाई रखी. जिसको लेकर अमेरिका, भारत, इटली, ब्रिटेन, रूस, जैसे शक्तिशाली देश भी चीन से मूंह फेर रहे हैं.

 

दुनिया में कोरोना का संकट खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, कई देशों में थोड़ी राहत है तो कहीं खतरा बढ़ा हुआ है. हाल ही में हुए न्यूयॉर्क टाइम्स के सर्वे में महामारी के 511 विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया, जिसमें उन्होने कोरोना वायरस से बढ़ते संक्रमण को लेकर बात की. हालांकि, वैज्ञानिकों ने कोई अधिकारिक गाइडलाइन जारी नहीं की है उन्होंने कोरोना का अपनी निजी जिंदगी पर कितना असर पड़ा है वह बताया है.

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वैज्ञानिकों ने बताया कि कोरोना संकट के दौरान हर शख्स अलग-अलग परिस्थिति में रह रहा है. सबकी जोखिम लेने की क्षमता, उम्मीद अलग-अलग है. इस दौरान ये भी देखना जरूरी होता है कि टेस्टिंग, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट किस तरह हो रहा है. कुछ महामारी विशेषज्ञों ने तो अभी से डॉक्टर से मिलना और छोटे समूह में शामिल होना शुरू कर दिया है. लेकिन ज्यादातर महामारी विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक कोई वैक्सीन या ट्रीटमेंट नहीं आ जाता, वे बड़े कॉन्सर्ट, स्पोर्ट्स इवेंट, धार्मिक कार्यक्रम में नहीं जाना चाहेंगे.

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एक्सपर्ट्स ने कहा ट्रीटमेंट या वैक्सीन आने में एक साल का वक्त लग सकता है. इन्हीं चीजों के आधार पर वे फैसले लेंगे कई विशेषज्ञों ने कहा कि वे अब कभी लोगों से गले नहीं मिलेंगे और हाथ भी नहीं मिलाएंगे. 60 फीसदी एक्सपर्ट ने कहा कि वे अत्यंत महत्वपूर्ण अप्वाइंटमेंट नहीं होने पर भी गर्मियों में डॉक्टर से मिलने जाएंगे. 29 फीसदी ने कहा कि ऐसी स्थिति में वे 3 से 12 महीने इंतजार करेंगे. 19 फीसदी एक्सपर्ट ने कहा कि वे सैलून जाकर बाल कटाने के लिए साल भर से अधिक इंतजार करेंगे. जबकि 39 फीसदी ने कहा कि वे 3 से 12 महीने तक रुकेंगे. 41 फीसदी ने गर्मियों में ही सैलून जाने की बात कही. 11 फीसदी ने कहा कि वे एक साल से अधिक वक्त तक रुकेंगे.

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वहीं, गर्मियों में सिर्फ 20 फीसदी एक्सपर्ट ने एयर ट्रैवल में रुचि दिखाई. 44 फीसदी एक्सपर्ट 3 से 12 महीने बाद एयर ट्रैवल करना पसंद करेंगे, जबकि 37 फीसदी तो एक साल से अधिक वक्त तक रुकना चाहेंगे.

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छोटी डिनर पार्टी को लेकर 46 फीसदी एक्सपर्ट ने कहा कि वे 3 से 12 महीने बाद ऐसा करेंगे. जबकि 32 फीसदी ने गर्मियों में ही छोटी डिनर पार्टी आयोजित करने की बात कही. लेकिन 21 फीसदी एक्सपर्ट एक साल तक रुकने के लिए तैयार दिखे. नजदीक की किसी जगह पर ड्राइव करके एक रात के लिए छुट्टी पर जाने के बारे में 56 फीसदी एक्सपर्ट ने कहा कि वे गर्मियों में ऐसा करना पसंद करेंगे. 26 फीसदी 3 से 12 महीने बाद ऐसा करेंगे और 18 फीसदी एक साल के बाद छोटे वैकेशन पर जाएंगे.