कोरोना संक्रमण के दौर में गर्भवती का शारीरिक रूप के साथ ही मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है, क्योंकि गर्भ में पल रहे शिशु के लिए यह दोनों बहुत महत्वपूर्ण हैं। यह कहना है 100 शैय्या जिला संयुक्त चिकित्सालय में तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अस्मिता का।
डा.अस्मिता ने बताया कि कोरोना वायरस की चपेट में आने वालों को संक्रमण के दौरान और बाद में भी कई शारीरिक और मानसिक तकलीफों से गुजरना पड़ रहा है। ऐसे में उन महिलाओं की भी चिंता बढ़ना स्वाभाविक है जो गर्भवती हैं। ऐसी महिलाओं को कोविड-19 से डरने की नहीं बल्कि लड़ने की जरूरत है। वह कोविड-19 को लेकर बिल्कुल भी मानसिक तनाव न लें। बस स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें। बाहर से आने वाले किसी व्यक्ति के संपर्क में न आएं। यदि बात करनी पड़े तो मास्क पहनने का विशेष ख्याल रखें।
डॉ. अस्मिता ने कहा कि गर्भवती को घर पर नियमित रूप से अपने हाथों की सफाई करते रहना चाहिए, अपने चिकित्सक से घर पर स्वच्छता के तौर तरीकों के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। हरी सब्जियां, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट सहित पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए। यदि गर्भावस्था को लेकर किसी भी तरह की चिंता में है तो फोन पर अपने क्षेत्र की आशा, एएनएम या प्रसूति विशेषज्ञ से संपर्क कर सकती हैं।
मिल रहीं सुविधाएं
डा.अस्मिता ने बताया कि जिला चिकित्सालय में प्रसव पूर्व जांच की सुविधा दी जा रही हैं। इसके साथ ही गर्भवती को आयरन व कैल्शियम की गोली के अलावा अन्य जरूरी दवाएं भी दी जा रही हैं। गर्भवती को घर से अस्पताल लाने एवं उन्हें वापस घर पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध हैं। तीमारदारों में केवल एक ही व्यक्ति को अनुमति है वह भी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव होने पर।
विटामिन की गोलियां खाएं
गर्भवती को विटामिन-सी, बी-काम्प्लेक्स व आयरन की गोलियां नियमित तौर पर लेते रहना चाहिए। दिन में दो घंटा व रात में सात से आठ घंटे की नींद लें। खाली समय में संगीत सुन सकती हैं या किताब पढ़े।
इस दौर में गर्भवती से जुड़ी सावधानियां
- सोशल डिस्टेसिंग, साफ-सफाई और हाईजीन का विशेष ध्यान दें।
- गरारे करें, गरम पानी का भाप लें और गुनगुना पानी पिएं।
- पर्याप्त पोषण लें और तरल पदार्थों की मात्रा बढ़ाएं।
- अस्पताल जायें तो अलर्ट रहें और आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करें।