राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने अजमेर (Ajmer) जिले में धारा 144 लागू कर दी (Imposed Section 144) है और शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में (In Urban and Rural Areas) धार्मिक समारोहों में (In Religious Ceremonies) ध्वजारोहण (Flag Hoisting) पर रोक लगा दी है (Has been Banned), साथ ही जिले में तेज आवाज में संगीत पर भी रोक लगा दी गई है।
अधिकारियों ने बताया कि 10 अप्रैल को पड़ने वाले रामनवमी और 14 अप्रैल को मनाई जा रही महावीर जयंती जैसे त्योहारों को देखते हुए धारा 144 लागू कर दी गई है। दोनों त्योहार अजमेर में भव्य जुलूस का गवाह बनते हैं। हाल ही में, करौली में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुई थी, जब हिंदू नव वर्ष का जश्न मनाने के लिए निकाले गए जुलूस पर पथराव किया गया था। हिंसा के दौरान कई दुकानें और वाहन जलकर खाक हो गए।
जिला कलेक्टर द्वारा गुरुवार देर रात जारी आदेश में हालांकि किसी त्योहार का जिक्र या नाम नहीं है। इन आदेशों पर पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कोटा और बीकानेर के बाद अब यह ‘तुगलकी फरमान’ अजमेर में भी जारी किया गया है।
पिछले एक महीने में अजमेर राजस्थान का तीसरा शहर है, जहां धारा 144 लागू की गई है। इससे पहले, फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ की रिलीज के बाद सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए कोटा में धारा 144 लगाई गई थी। वहीं, इस महीने के पहले सप्ताह में बीकानेर शहर में हिंदू धर्म यात्रा और महाआरती से पहले धारा 144 लगा दी गई थी। भाजपा ने इससे पहले कोटा और बीकानेर में धारा 144 लगाने का कड़ा विरोध किया था।
इस बीच शुक्रवार की सुबह से ही ट्विटर पर एंटी हिंदू गहलोत ट्रेंड कर रहा है, जिसके तहत रमजान के दौरान अल्पसंख्यक क्षेत्रों में नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने वाले सरकारी आदेश से जुड़ी अलग-अलग खबरें जारी की गईं। यूजरों ने सवाल किया कि आदेश में नवरात्रि का उल्लेख क्यों नहीं किया गया, साथ ही सालासर मंदिर के प्रवेश द्वार को तोड़े जाने और करौली हिंसा का जिक्र भी सोशल मीडिया पोस्ट में है।