Breaking News

कैप्टन हरप्रीत चंडी ने रचा इतिहास, दक्षिणी ध्रुव की अकेले यात्रा करने वाली भारतीय मूल पहली महिला बनीं, 40 दिन में पूरा किया सफर

ब्रिटिश सिख सेना (British Sikh Army) में भारतीय मूल की 32 वर्षीय अधिकारी एवं फिजियोथेरेपिस्ट हरप्रीत चंडी (Harpreet Chandi) ने दक्षिणी ध्रुव (South Pole) के लिए बिना समर्थन के अकेले दुर्गम यात्रा को पूरा करने वाली अश्वेत महिला बनकर इतिहास रच दिया है. ‘पोलर प्रीत’ (Polar Preet) के नाम से भी जानी जाने वाली चंडी ने अपने लाइव ब्लॉग पर सोमवार को 40वें दिन के अंत पर 700 मील (1,127 किलोमीटर) की यात्रा करने के बाद अपने सभी किट के साथ स्लेज खींचते हुए और शून्य से 50 डिग्री सेल्सियस नीचे के तापमान और लगभग 60 मील प्रति घंटे की गति से चल रही हवा से जूझते हुए इतिहास बनाने की घोषणा की.

हरप्रीत ने लिखा, ‘मैं दक्षिणी ध्रुव पर पहुंच गई, जहां बर्फबारी हो रही है. अभी मन में बहुत सारी भावनाएं चल रही हैं. मैं तीन साल पहले ध्रुवीय दुनिया के बारे में कुछ नहीं जानती थी और अंत में यहां पहुंचना कितना वास्तविक लगता है. यहां पहुंचना कठिन था और मैं सभी को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं.’ चंडी ने कहा, ‘यह अभियान हमेशा मुझसे कहीं अधिक था. मैं लोगों को अपनी सीमाओं को आगे बढ़ाने और खुद पर विश्वास करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती हूं, और मैं चाहती हूं कि आप बिना विद्रोही तमगे के इसे करने में सक्षम हों. मुझे कई मौकों पर ना कहा गया है और कहा गया है कि ‘बस सामान्य काम करो’, लेकिन हम अपना सामान्य खुद बनाते हैं.’

अंटार्कटिका में अकेले अभियान पूरा करने वाली पहली अश्वेत महिला

भारतीय मूल की हरप्रीत ने अपनी यात्रा का एक लाइव ट्रैकिंग मैप अपलोड किया और बर्फ से ढके क्षेत्र में अपनी यात्रा के नियमित ब्लॉग भी पोस्ट किए. चंडी ने उनके ब्लॉग के अंतिम एंट्री में कहा, ‘दिन 40-समाप्त. हरप्रीत ने अंटार्कटिका (Antarctica) में अकेले अभियान पूरा करने वाली पहली अश्वेत महिला बनने का इतिहास बनाया है.’ उन्होंने कहा, ‘आप जो कुछ भी चाहते हैं उसके लिए आप सक्षम हैं. कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कहां से हैं या आपकी शुरुआत कहां है, हर कोई कहीं न कहीं से शुरू होता है. मैं सिर्फ इन बाधाओं से पार नहीं पाना चाहती हूं, बल्कि मैं इन्हें बिल्कुल खत्म करना चाहती हूं.’

क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी से कर रही हैं पढ़ाई पूरी

इंग्लैंड के उत्तर-पश्चिम में एक मेडिकल रेजिमेंट के हिस्से के रूप में, चंडी की प्राथमिक भूमिका सेना में डॉक्टरों के लिए क्लिनिकल ट्रेनिंग ऑफिसर के रूप में ट्रेनिंग को व्यवस्थित और मान्य करना है. वर्तमान में वह लंदन में क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी में स्पोर्ट्स एंड एक्सरसाइज में मास्टर डिग्री पूरी कर रही हैं. रविवार को अपने ब्लॉग की एंट्री में उन्होंने लिखा, जब मैं अधिक ऊंचाई पर होती हूं, तो बहुत अधिक ठंड लगती है. मैं यहां काफी समय से किसी को नहीं देखा है और अब मैं दक्षिणी ध्रुव से 15 समुद्री मील दूर हूं. मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि मैं लगभग वहीं हूं.