केरल में भारी बारिश जारी है। राज्य के कुछ हिस्सों में पिछले 24 घंटों में 200 मिमी से अधिक बारिश हुई है। भारी बारिश से कोच्चि और त्रिशूर सहित प्रमुख शहरों में शुक्रवार को जलभराव हो गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पत्तनमथिट्ठा, कोट्टायम और इडुक्की जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। रेड अलर्ट 24 घंटों में 20 सेंटीमीटर से ज्यादा और बहुत ही भारी बारिश का संकेत देता है, जबकि ऑरेंज अलर्ट के तहत 11 सेंटीमीटर से 20 सेंटीमीटर के बीच भारी बारिश की संभावना होती है।
छह सेंटीमीटर से 11 सेंटीमीटर के बीच भारी बारिश की संभावना होने पर येलो अलर्ट जारी किया जाता है। राज्य के राजस्व मंत्री के. राजन ने आज मीडिया से मुलाकात की और कहा कि राज्य के कुछ हिस्सों में पिछले 24 घंटों में 20 सेंटीमीटर से अधिक बारिश हुई है। उन्होंने कहा कि कोझिकोड जिले के कुन्नमंगलम में पिछले 24 घंटों में 226.2 मिमी बारिश हुई।
उन्होंने कहा कि अलप्पुझा जिले के चेरथला में 215 मिमी, कोट्टायम जिले के कुमारकोम और कोझिकोड जिले के थामारसेरी में क्रमशः 203 मिमी और 200.7 मिमी बारिश हुई। राजन ने कहा, ”कम समय में इस तरह की भारी बारिश से कई घटनाएं होंगी और हमें उसी के अनुसार सुविधाओं की व्यवस्था करने की आवश्यकता है।” उन्होंने कहा कि स्थानीय अधिकारी, अग्निशमन बल, पुलिस और राजस्व विभाग किसी भी घटना का सामना करने के लिए तैयार हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि एनडीआरएफ की दो टीमें इस समय राज्य में हैं।
राजन ने कहा कि राज्य में हाल ही में हुई बारिश से संबंधित विभिन्न घटनाओं में 11 लोगों की जान गई है। राजन ने कहा, ”मृतकों में से छह की डूबने की विभिन्न घटनाओं में जान चली गई, दो पानी से भरे गड्ढों में गिर गए, दो बिजली की चपेट में आ गए और एक व्यक्ति की दीवार गिरने से जान चली गई। कल रात भारी बारिश के बाद कोच्चि शहर के कुछ हिस्से जलमग्न हो गए। टीवी चैनलों ने शहर की प्रमुख सड़कों पर पानी भर जाने और पैदल चलने वालों, मोटर चालकों को आने-जाने में कठिनाई होने के दृश्य दिखाए। पास के अलुवा शहर में भी ऐसी ही स्थिति थी, जहां बाजार जलमग्न था। जलमग्न क्षेत्रों की अधिकांश दुकानें और आसपास की कुछ सड़कें बंद रहीं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि अलुवा नगर पालिका जल निकासी की सफाई करने में विफल रही, जिसके कारण भारी जलभराव हो गया। त्रिशूर शहर में जिला अस्पताल के पास कल रात लगातार हो रही बारिश में एक बड़ा पेड़ उखड़ गया, जिससे सड़क जाम हो गई। राज्य के विभिन्न हिस्सों से पेड़ों के उखड़ने, सड़क के अवरुद्ध होने और मामूली भूस्खलन की खबरें आई हैं। वर्तमान में, 223 लोगों को राज्य के आठ राहत शिविरों में ठहराया गया है। भारी बारिश को देखते हुए कोझिकोड, मलप्पुरम, एर्नाकुलम और तिरुवनंतपुरम जिलों में राहत शिविर खोले गए हैं। लगातार बारिश के मद्देनजर, महामारी की रोकथाम गतिविधियों को मजबूत करने के प्रयासों के तहत बुधवार को तिरुवनंतपुरम में स्वास्थ्य विभाग निदेशालय में एक राज्य नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया था।