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कुमार विश्वास ने दिया अनुपम खेर को करारा जवाब, ‘अगर एक-दूसरे के हाथ नहीं थामे तो कंधे कम पड़ जाएंगे लेकिन शव कम नहीं होंगे’

कोरोना का कोहराम लोगों की जिन्दगी छिनते जा रहा है। दवा, बेड, आक्सीजन के अभाव में लोग मरते जा रहे हैं। इसी बीच बॉलीवुड के अभिनेता अनुपम खेर ने लोगों को उम्मीद बनाए रखने की सलाह दी। साथ ही चिताओं की फोटो शेयर करने पर मार्केटिंग करने का भी आरोप लगाया है। अनुपम खेर की इस बात को सोशल मीडिया पर काफी नाराजगी देखी गयी। हिंदी कवि कुमार विश्वास अनुपम खेर का करारा जवाब दिया है। कुमार विश्वास ने अनुपम खेर की उम्मीद बनाये रखने की सलाह से असहमति जतायी है। उन्होंने अनुपम खेर पर तंज कसते हुए कहा कि चारों तरफ चिताएं जल रही हैं और आप कह रहे हैं कि हां हो रहा है, हां हो रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे काम थोड़ी न चलता है। कुमार विश्वास ने गांव की और ध्यान देने की भी सलाह दी। कुमार विश्वास से इंडिया टीवी शो में अनुपम खेर को लेकर सवाल किया गया और कहा गया। उनका कहना है कि जो लोग जलती चिताएं दिखा रहे हैं, लाशें दिखा रहे हैं, दुनियाभर में इस बात की मार्केटिंग कर रहे हैं कि भारत में हाहाकार मचा हुआ है। यह करने की जगह हम थोड़ी सी उम्मीद और थोड़ी सकारात्मकता क्यों नहीं दे सकते? अनुपम खेर की इन बातों को लेकर कार्यक्रम प्रस्तोता ने कुमार विश्वास की राय जाननी चाही। इस पर कुमार विष्वास ने जोरदार जवाब दिया।

कुमार विश्वास ने अनुपम खेर की बातों का जवाब देते हुए कहा कि मैं उनकी इस बात से बिल्कुल भी सहमत नहीं हूं। आपके चारों तरफ चिताएं जल रही हैं। चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है और आप सिर्फ यह कहते रहें कि हां हां हो रहा है। तो यब सब नहीं चलेगा, लोगों को श्मशान में वेटिंग के लिए फोन करना पड़ रहा है। आप इसके लिए रो लीजिए, नाराज हो लीजिए। उन्होंने अनुपम खेर की संवेदनशीलता पर भी सवाल उठाये। कुमार विश्वास ने कहा कि नीला हो रहा है तो हम पीला नहीं दिखा सकते हैं। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि मैं जनता से कहना चाहता हूं कि आप कोरोना से मत डरिए, बस इस पर नजर रखिए। इससे भागिये मत क्योंकि हमारे मसालों में और हमारे प्राणायाम में बहुत दम है। हम काम करना बंद नहीं कर सकते हैं।

anupam kher

कुमार विश्वास ने अपने साक्षात्कार में लोगों को गांव की तरफ रुख करने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि लोग अब पैरासीटामोल इकट्ठा करें, कोविड-19 किट बनवाएं और गांव की तरफ रुख कीजिए। अगर एक इंसान की भी आपने जान बचा ली तो सारा पुण्य इसी में है। हमें अब लोगों के लिए जीना है। सारे संसाधन इकट्ठे कीजिए और जरूरतमंदों तक पहुंचाइये। मेरा देश ऐसी अवस्था में, जहां हमने अगर एक-दूसरे के हाथ नहीं थामे तो कंधे कम पड़ जाएंगे, लेकिन शव कम नहीं होंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बस एक बार आपके चैनल पर आकर कह दें कि हम आपके साथ हैं तो लोगों के अंदर आत्मविश्वास आ जाएगा।