कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान आज उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अलावा देशभर में चक्का जाम करेंगे. ये चक्का जाम दोपहर 12 से तीन बजे तक जारी रहेगा. राकेश टिकैत की भारतीय किसान यूनियन ने गन्ना किसानों का हवाला देते हुए कहना कि यूपी और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं किया जाएगा.
राकेश टिकैत का कहना है कि ज्यादातर उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के किसान गन्ने की खेती करते हैं. इस दौरान सभी किसान अपनी उपज को मिलों में लेजाने का काम कर रहे हैं. चक्का जाम के कारण उन्हें कम से कम दो दिनों तक देरी होगी. बीकेयू (BKU) ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस बार चक्का जाम नहीं होगा क्योंकि यह पहले से ही चक्का जाम मोड में है. अन्य जगहों पर किसान दोपहर 12 से तीन बजे तक राष्ट्रीय राजमार्गों को जाम करेंगे.
वहीं, यूपी (UP) और उत्तराखंड में संघ ने विभिन्न जिलों में नए फार्म कानूनों के खिलाफ स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन सौंपने की योजना बनाई है. टिकैत का कहना है कि उनका विरोध दो महीने से अधिक समय से शांतिपूर्ण है. जहां तक 26 जनवरी की घटनाओं का सवाल है, किसान हिंसा में शामिल नहीं हुए थे. जिन लोगों ने उस दिन दंगे किए वे सभी असामाजिक तत्व थे.
दिल्ली नहीं रहेगा चक्का जाम
किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि दिल्ली में चक्का जाम नहीं किया जाएगा, क्योंकि यहां प्रदर्शन के सभी स्थल पहले से ही चक्का जाम मोड में हैं. दिल्ली में जाम नहीं लगेगा, यहां एंट्री के सभी मार्ग खुले रहेंगे. केवल वही मार्ग बंद रहेंगे, जहां किसानों का प्रदर्शन चल रहा है. कोई भी आपातकालीन और आवश्यक परिवहन को नहीं रोका जाएगा.
पुलिस के पुख्ता इंतजाम
26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए हैं, ताकि शरारती तत्व राष्ट्रीय राजधानी में न घुस पाएं. किसानों के प्रस्तावित ‘चक्का जाम’ से पहले ही दिल्ली के सभी बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है. इसी कड़ी में बॉर्डर पर अतिरिक्त सेना की तैनाती की गई है.
संयुक्ता किसान मोर्चा की एडवाइजरी
संयुक्ता किसान मोर्चा ने एक एडवाइजरी भी जारी की है. इसमें उन्होंने जनता से चक्का जाम में किसानों का समर्थन करने की अपील की है. साथ ही सभी मोटर चालकों को किसानों के साथ एकजुटता के साथ दोपहर तीन बजे से एक मिनट के लिए सम्मानित करने की भी बात कही है.