आंध्र प्रदेश के रायलसीमा इलाके में टमाटर की थोक कीमतें घटकर 30 से 70 पैसे प्रति किलो तक पहुंच गयी हैं. इससे किसानों की हालत खराब है और उन्होंने स्थानीय मंडी अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन भी किया है. आंध्र प्रदेश के रायलसीमा इलाके में टमाटर के लिए प्रसिद्ध बाजार पाथीकोंडा एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमिटी (APMC) में गुरुवार को टमाटर की कीमत इस सीजन में सबसे कम 30 से 70 पैसा प्रति किलो तक पहुंच गयीं. यह बाजार में थोक कीमत है, लेकिन किसान को यही कीमत मिलती है, इसलिए उसकी हालत इससे खराब है, क्योंकि इससे लागत भी नहीं मिल पा रही.
लागत भी नहीं मिल रही राज्य के अनंतपुर और कुर्नूल के किसानों का दावा है कि उन्होंने टमाटर उगाने और कीटनाशक आदि पर प्रति एकड़ 30 हजार रुपये खर्च किये हैं. इसके अलावा उन्हें मंडी तक टमाटर लाने के लिए वाहन का भाड़ा भी देना पड़ता है, तो जाहिर है किसानों की लागत भी नहीं वसूल हो पा रही. बच्चे कैसे पालेंगे किसानों ने व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसी हालत में भला वे अपने परिवार को पेट कैसे पाल सकते हैं. इस हाला के मंडी के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए किसानों ने विरोध प्रदर्शन भी किया. लेकिन मंडी प्रबंधकों का कहना है कि गुरुवार को अचानक मंडी में 150 टन टमाटर आ गया, जिसकी वजह से कीमतें काफी नीचे आ गयीं.
बंपर पैदावार पाठीकोटा, अलूर, अस्पारी के किसानों ने बड़े पैमाने पर टमाटर उगाये हैं. चक्रवात की वजह से आई बारिश की वजह से इस साल टमाटर की फसल जबरदस्त हुई है, लेकिन कीमतें काफी नीचे चली जाने से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. गौरतलब है कि सब्जियों के लिए किसी तरह का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं होता, इसकी वजह से इस तरह की समस्या आ रही है. बाकी अनाज जैसे करीब 23 फसलों के लिए सरकार एक न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करती है, जिससे कम पर मंडी में खरीद नहीं की जा सकती. हाल में केरल सरकार ने फलों-सब्जियों पर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने का ऐलान किया है.