दक्षिण कोरिया (South Korea) ने अपने पड़ोसी देश उत्तर कोरिया (North Korea) को बड़ी चेतावनी दी है। दक्षिण कोरिया ने कहा है कि वह एक परमाणु हमला (Nuclear attack) करेगा और किम जोंग उन के नेतृत्व वाले पूरे शासन का “अंत” हो जाएगा। योनहाप समाचार एजेंसी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। दक्षिण कोरिया की चेतावनी ऐसे समय में आई है जब अमेरिकी परमाणु-सक्षम पनडुब्बी उसके यहां तैनात की गई है।
दक्षिण कोरिया से पहले किम जोंग उन ने धमकी देते हुए कहा था कि यहां अमेरिकी परमाणु-सक्षम पनडुब्बी और अन्य रणनीतिक हथियारों की तैनाती का मतलब है कि उनका देश भी परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है। योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरिया के रक्षा मंत्री कांग सुन-नाम ने पिछले दिन दक्षिण कोरिया में 18,750 टन की अमेरिकी परमाणु पनडुब्बी के आगमन पर तीखे प्रतिक्रिया दी थी। साथ ही इसने इस सप्ताह दक्षिण कोरिया-अमेरिका परमाणु सलाहकार समूह (एनसीजी) की उद्घाटन बैठक की भी आलोचना की थी।
कोम जोंग उन प्रशासन भड़का
अमेरिका ने अपने मित्र देश दक्षिण कोरिया में 18,750 टन की ओहियो श्रेणी की परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी (एसएसबीएन) यूएसएस केंटकी भेजी है। इससे कोम जोंग उन प्रशासन भड़का हुआ है। उत्तर कोरिया चेतावनी दे रहा है। उत्तर कोरिया के बाद अब दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने फिर से चेतावनी जारी की है।
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा, “दक्षिण कोरिया-अमेरिका गठबंधन के खिलाफ अगर उत्तर कोरिया परमाणु हमले करता है तो हम तत्काल, जबरदस्त और निर्णायक प्रतिक्रिया देंगे। (हम) फिर से चेतावनी देते हैं कि एक परमाणु हमला करेंगे और पूरे उत्तर कोरियाई शासन का अंत हो जाएगा।”
क्यों खास है यूएसएस केंटुकी पनडुब्बी?
यूएसएस केंटुकी पनडुब्बी मंगलवार को दक्षिणपूर्वी बंदरगाह शहर बुसान पहुंची थी। ओहियो क्लास की यूएसएस केंटकी पर उत्तर कोरिया के पूरे शस्त्रागार से अधिक परमाणु हथियार तैनात हैं। यह पनडु्ब्बी परमाणु शक्ति संचालित है। यह पनडु्ब्बी 20 ट्राइडेंट II डी-5 बैलिस्टिक मिसाइल से लैस है। ट्राइडेंट-II परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल की अधिकतम रेंज लगभग 12,000 किमी तक है। इस पनडु्ब्बी की लंबाई 560 फीट और डिस्प्लेसमेंट 18,750 टन है।
इसी परमाणु पनडुब्बी पर सवार होने के बाद दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ने कहा कि इसकी तैनाती हमारी विस्तारित निरोध क्षमताओं को मजबूत करने के लिए अमेरिका और दक्षिण कोरिया की इच्छा को दर्शाती है। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सोक योल की यूएसएस केंटुकी की यात्रा, अमेरिका के सहयोगी देश के किसी राष्ट्र प्रमुख का पहला दौरा है।