उत्तर प्रदेश के कानपुर में कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई यूपी पुलिस पर बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी, जिसमें पुलिस के आठ जवान शहीद हो गए थे। वहीं जब बदमाशों ने पुलिस को पूरी तरह से घेर लिया था। तब एसओ शिवराजपुर महेश यादव ने थाने के एएसआई को आखिरी कॉल की थी। इस आखिरी कॉल के बाद ही मौके पर भारी संख्या पुलिस फोर्स पहुंची। इसी के चलते कुछ पुलिसकर्मियों की जान बच सकी। यहां पर हम आपको बताते चले कि मुकेश यादव कुछ समय पहले अनंत देव के पीआरओ थे। अनंत देव के तबादले के बाद ही उन्हें चौबेपुर का थानाध्यक्ष बनाया गया था। बतौर थानेदार यह उनका पहला चार्ज था।
इसके साथ ही विकास दुबे की घर पर दाबिश देने के लिए जब महेश भी थाने के फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। वही ऐसे शख्स थे, जो टीम के साथ सबसे आगे थे। हमला होते ही उन्होंने मोर्चा खोल दिया था, लेकिन बदमाश तब तक पुलिसकर्मियों पर हमलावर हो गए थे। स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए जान बचाने के लिए बाथरूम में भागे। वहीं से उन्होंने अपने थाने के एएसआई को फोन कर घटना की जानकारी दी। तब वायरलेस किया गया।
पुलिस ने बदमाशों से लिया लोहा
वहीं बदमाशों के खिलाफ सीओ देवेंद्र मिश्र और एसओ महेश यादव अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। पुलिस को बदमाशों द्वारा इस तरह के हमले का अंदाजा नहीं था। इसलिए उनकी उंगलियां असलहों के ट्रिगर पर नहीं थीं। वहीं जब बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी तो मौका देखतेे हुए पुलिस ने असलहा निकला, लेकिन बदमाशों के मुकाबले पुलिसकर्मी कम पड़ गए। आखिर में स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए वहां भागना पड़ा।