2019 के लोकसभा चुनाव में गांधी परिवार की लाज बचाने वाले सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली कांग्रेस में बड़ी बगावत सामनें आई है. कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रदेश सचिव व पूर्व जिला प्रभारी व मौजूदा पीसीसी सदस्य शिव कुमार पाण्डेय समेत 35 पदाधिकारियों ने सांसद सोनिया गांधी को इस्तीफा वाला पत्र भेजा है. इन सभी ने पार्टी की नई कार्यकारिणी से असंतुष्ट होने के साथ-साथ कई कार्यकर्ताओं के किनारे किए जाने पर आपत्ति जताई है. बता दें कि अटल जयंती पर अमेठी आई केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बयान दिया था कि 2024 में रायबरेली में भी बीजेपी का कमल खिलेगा, उसके ठीक 13वें दिन कांग्रेस में इस तरह की बगावत ने राजनैतिक सरगर्मियां बढ़ा दी हैं.
दूसरे दल से आए लोगों को तरजीह देने पर हुई बगावत
पीसीसी सदस्य शिव कुमार पाण्डेय ने बताया कि पार्टी को कमजोर करने के लिए जिलाध्यक्ष व अन्य जिलास्तरीय पदाधिकारी कार्य कर रहे है. जिसमें हाल में ही गठित ब्लाक के नई कार्यकारिणी में पुराने कार्यकर्ताओं को तवज्जो न देकर अन्य पार्टी से आए लोगों पर भरोसा करते हुए उनको ब्लाक के महत्वपूर्ण पद पर बैठाया गया है. जिसमे कई अनुभवहीन हैं, जिससे पार्टी की नींव कमजोर हो रही है.
जिला अमेठी से जैसे सांसदी पार्टी से छिन गई है वैसी ही दशा इस जिले में होती जा रही है. जिसको लेकर सांसद सोनिया गांधी को पत्र लिखकर उसकी जांच करवाने की बात कही गई है. साथ ही स्वयं पीसीसी सदस्य शिवकुमार पाण्डेय के नेतृत्व में कुल 35 पदाधिकारियों ने एक साथ इस्तीफा सांसद सोनिया गांधी को पत्र लिखकर भेजा है. इस्तीफा मंजूर किया गया या नहीं उसको लेकर जिला के पदाधिकारी तक कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं. लेकिन पार्टी की घमासान से पार्टी के अन्य दल मजा जरूर लेते हुए नजर आ रहे है.