भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी के मैदान में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट में भारतीय टीम पहली पारी में 244 रनों पर ढेर हो गई। जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया पर 94 रनों की बढ़त बना ली है। भारत की ओर से शुभमन गिल (50) और चेतेश्वर पुजारा (50) ही अर्धशतक जड़ पाए। भारतीय बल्लेबाजों ने खराब प्रदर्शन तो किया, वहीं, 3-3 रन आउट ने भारतीय उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
भारत की पहली पारी के दौरान हनुमा विहारी (4), रविचंद्रन अश्विन (10) और जसप्रीत बुमराह (0) रनआउट हुए। इसी के साथ ही टीम इंडिया के नाम ऐसा शर्मनाक रिकॉर्ड दर्ज हो गया, जो कोई भी टीम अपने नाम नहीं करना चाहेगी। भारत के टेस्ट इतिहास में सातवीं बार एक टेस्ट पारी में तीन या उससे ज्यादा बल्लेबाज रन आउट हुए। पिछली बार 12 साल पहले 2008 में इंग्लैंड के खिलाफ मोहाली टेस्ट की दूसरी पारी में वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह और वीवीएस लक्ष्मण रन आउट हुए थे।
भारतीय पारी के 68वें ओवर में नाथन लियोन की गेंद पर हनुमा विहारी ने मिड ऑन पर शॉट लगाया और रन के लिए भागे। वहां खड़े जोश हेजलवुड ने डाइव लगाते हुए गेंद को पकड़ा और विकेट पर डायरेक्ट थ्रो मार दी। विहारी अपनी क्रीज में नहीं पहुंच पाए और रन बनाकर पवेलियन लौट गए। अगला नंबर रविचंद्रन अश्विन का था। पारी के 93वें ओवर में कैमरन ग्रीन की गेंद पर रवींद्र जडेजा ने मिडऑफ पर खेलकर 1 रन लेना चाहा। मिडऑफ पर खड़े कमिंस ने कीपर के एंड पर थ्रो किया। जब तक अश्विन क्रीज में पहुंच पाते उससे पहले ही लाबुशेन ने गिल्लियां बिखेर दी थीं। वैसे भी अश्विन विकेटों के बीच दौड़ उतने तेज नहीं हैं। फिर पारी के 97वें ओवर में स्टार्क की गेंद पर जडेजा ने शॉर्ट लेग पर खेलकर 2 रन लेने का प्रयास किया, जबकि वहां दो रन बनना मुश्किल था। लाबुशेन ने गेंदबाजी छोर पर डायरेक्ट थ्रो किया। बुमराह अपनी क्रीज में नहीं पहुंच पाए। एक टेस्ट पारी में भारत के अब तक सबसे ज्यादा 4 बल्लेबाज पाकिस्तान के खिलाफ 1955 में रन आउट हुए।