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‘कश्मीर को विशेष दर्जा देने की जरूरत नहीं’, बोले केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि कश्मीर में इतनी खास चीजें और विशेषताएं हैं कि उसे कानून के तहत किसी विशेष दर्जे की जरूरत नहीं है. खान यहां शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर (एसकेआईसीसी) में आयोजित सूफी सम्मेलन में मुख्य अतिथि थे. खान ने संवाददाताओं से कहा, एक प्राकृतिक नियम है, जो कहता है कि यदि आपका चरित्र अच्छा है, आप लोगों की सेवा करते हैं, तो आपको एक विशेष दर्जा मिलता है, जिसे कोई भी कानून आपसे नहीं छीन सकता. यही धर्म, सूफीवाद हमें सिखाता है, और यही चीज मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र की घोषणा कहती है.

उन्होंने कहा कि किसी के लिए इस आधार पर कोई विशेष प्रावधान नहीं है कि वह कहां पैदा हुआ या किस धर्म में पैदा हुआ. खान ने कहा, कश्मीर में बहुत सारी खास चीजें हैं और कश्मीर को कानून के तहत किसी विशेष प्रावधान की जरूरत नहीं है. कश्मीर में अपने आप में एक शक्ति है, उसमें इतनी विद्या है, ऐसे शिल्प हैं, ऐसे शिल्पकार हैं, और इतनी विशेषताएं हैं कि आपका पहले से ही एक विशेष स्थान है.

‘दुनिया ने जी-20 के अध्यक्ष के रूप में भारत को बड़ी जिम्मेदारी दी’

इससे पहले अपने संबोधन में खान ने कहा कि यह गलतफहमी है कि कोई कानून या संवैधानिक प्रावधान लोगों को खास बनाता है. उन्होंने कहा, एक कानून के कारण कोई भी व्यक्ति विशेष नहीं बन सकता है, इसलिए इसे अपने दिमाग से निकाल दें. कानून किसी को विशेष दर्जा नहीं देता है. विशेष हैसियत केवल उन्हीं की होती है, जिनके पास एक विशेष चरित्र और विशेष नैतिकता होती है.

उन्होंने कहा, लेकिन मैं आपसे कहना चाहता हूं कि आपका ऐसा सौभाग्य है कि आपकी विशेषता को कोई समाप्त नहीं कर सकता. केरल के राज्यपाल ने कहा कि दुनिया ने जी-20 के अध्यक्ष के रूप में भारत को बड़ी जिम्मेदारी दी है. उन्होंने कहा, इसलिए आने वाले साल में हमें खुद को साबित करना होगा कि शक्तिशाली भारत विश्व शांति की गारंटी है, किसी के लिए खतरा नहीं.

दुनिया एक वैश्विक गांव बन गई है- आरिफ मोहम्मद खान

खान ने कहा, आज दुनिया में ऐसा कौन सा देश है, जो केवल अपने ही लोगों के साथ काम कर सकता है? अगर आप सऊदी अरब या अमेरिका जाएं तो वहां सभी राष्ट्रीयताओं के लोग मौजूद हैं. दुनिया एक वैश्विक गांव बन गई है. उन्होंने कहा, दुनिया आज एकजुट हो रही है, विभाजित नहीं हो रही. अगर हम खुद को बांटते हैं, तो इसमें केवल हमारा नुकसान है.