अगले माह में शुभ मूहुर्त से मांगलिक कार्य (demanding work) हो जाएंगे। बैंड बाजा बारात के साथ शहनाइयां (clarinets) बजने लगेंगी। मार्च माह के शुरुआत दिनों से शुभ मूहुर्त समाप्त हो चुका था। मई और जून माह में मिल रहे शुभ मूहुर्त पर अलग-अलग तारीख में खूब शादियां होंगी। उसके बाद सीधे नवंबर में लोगों को शुभ मूहुर्त (auspicious time) में शादियों (weddings) का मौका मिलेगा।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस साल 15 अप्रैल को खरमास समाप्ति होने के बाद भी विवाह कार्य पुन प्रारंभ नहीं हो सके थे। क्योंकि विवाह आदि शुभ कार्यों के लिए गुरु और शुक्र तारों का उदय होना बहुत जरुरी माना जाता है। दो अप्रैल से एक मई तक गुरु ग्रह अस्त रहेंगे। गुरु दो मई को सुबह 446 बजे से उदय हो जाएंगे। विवाह मुहूर्त शुरू होंगे। ज्योतिषाचार्य पं. आनंद दुबे ने बताया कि मई और जून में विवाह मुहूर्त हैं। टेंट कैटरर्स एंड डेकोरेटर वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार ने बताया कि दो मई को पहली सहालग है।
मई 2, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 15, 16, 20, 21, 22, 26, 27, 29, 30
जून 3, 6, 7, 11, 12, 13, 22, 23, 25, 26, 27, 28, 29
नवंबर 27, 28, 29
दिसंबर 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 13, 14, 15 आदि तिथियों पर मुहूर्त हैं.