ऋषभ पंत (97), चेतेश्वर पुजारा (77), रविचंद्रन अश्विन (नाबाद 39) और हनुमा विहारी (नाबाद 23) के अदम्य साहस और जबरदस्त संघर्ष क्षमता से भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरा क्रिकेट टेस्ट पांचवें और अंतिम दिन सोमवार को ड्रा करा लिया। चार मैचों की सीरीज एक-एक से बराबरी पर है और दोनों देशों के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का फैसला अब 15 जनवरी से ब्रिस्बेन में होने वाले आखिरी टेस्ट से होगा। ऑस्ट्रेलिया ने सिडनी में तीसरे टेस्ट में भारत के सामने जीत के लिए 407 का बेहद मुश्किल लक्ष्य रखा था और भारत ने कल के दो विकेट पर 98 रन से आगे खेलते हुए मैच ड्रा समाप्त होने तक पांच विकेट पर 334 रन बनाए। सिडनी का यह मैच भारतीय टेस्ट इतिहास में हनुमा विहारी और रविचंद्रन अश्विन के जज्बे, साहस और संघर्ष क्षमता के लिए दर्ज हो गया है।
दोनों खिलाड़ियों ने चोटिल होने के बावजूद मोर्चा संभाले रखा और टेस्ट ड्रा कराकर ही दम लिया। सुबह के सत्र में पंत ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर हल्ला बोला और अपने आक्रामक तेवरों से उनके पसीने निकाल दिए। पंत ने 118 गेंदों पर 12 चौकों और तीन छक्कों की मदद से 97 रन की बेहद दर्शनीय पारी खेली। दूसरी तरफ पुजारा ने संयम और एकाग्रता का अद्भुत नमूना पेश करते हुए 205 गेंदों में 12 चौकों की मदद से 77 रन बनाये। दोनों ने चौथे विकेट के लिए 148 रन की साझेदारी की। पंत का दुर्भाग्य रहा कि वह मात्र तीन रन से अपना शतक पूरा नहीं कर पाए। पंत का विकेट 250 और पुजारा का विकेट 272 के स्कोर पर गिरा। कप्तान अजिंक्या रहाणे सुबह आने के साथ ही आउट हो गए थे।
पुजारा के आउट होने के बाद हनुमा और अश्विन ने मोर्चा संभाला और विपरीत परिस्थियों के बावजूद टेस्ट को ड्रा करा दिया। हनुमा सिंगल लेने की कोशिश में हैमस्ट्रिंग चोट का शिकार हो गए थे जबकि अश्विन को अपने सीने पर शार्ट पिच गेंदे लगी थी जिसके बाद वह चेस्ट गार्ड लगा कर खेले। दोनों बल्लेबाजों ने 258 गेंदों पर 62 रन की अविजित साझेदारी कर ऑस्ट्रेलिया के खेमे को निराश कर दिया। हनुमा ने 161 गेंदों का सामना किया और नाबाद 23 रन में चार चौके लगाये। अश्विन ने 128 गेंदों का सामना किया और नाबाद 39 रन में सात चौके लगाए। दोनों बल्लेबाजों ने ऑस्ट्रेलिया के तेज और स्पिन गेंदबाजों के सामने गजब का जज्बा दिखाया और लगातार अपना विकेट संभाले रखा। ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों ने शार्ट पिच और बाउंसर तथा ऑफ़ स्पिनर नाथन लियोन ने फील्डरों का नजदीकी घेरा लगा कर दोनों बल्लेबाजों की कड़ी परीक्षा ली लेकिन दोनों बल्लेबाजों की सुरक्षा में सेंध नहीं लगा सके।