उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में मारे गए बदमाश सुभाष बाथम और उनकी पत्नी रूबी की अंतिम अंत्येष्टि हो चुकी है। दोनों ने फर्रुखाबाद के मोहम्मदाबाद के करथिया गांव में 24 बच्चों को अपने घर में बंधक बनाकर मार डालने की साजिश रची थी.
मगर पुलिस ने समय रहते उनकी इस साजिश को एक ऑपरेशन के तहत नाकाम कर दिया था और सभी बच्चों को सकुशल वहां से छुड़ा लिया गया था।
पुलिस कर्मियों का कहना है कि जब तक उसके लिए कोई वारिस नहीं मिल जाता तब तक पुलिस ही उसकी परवरिश करेगी। इसके तहत आईजी रेंज मोहित अग्रवाल ने कहा कि बच्ची की देखभाल फर्रुखाबाद में ही एक महिला पुलिसकर्मी द्वारा की जाएगी। अगर कोई बाहरी व्यक्ति बच्ची को गोद लेने के लिए आवेदन करता है तो प्रशासन पूरी प्रक्रिया के बाद इस मामले पर विचार करेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि मैंने उसकी पढ़ाई का खर्चा उठाने का फैसला किया है। साथ ही कहा कि मैं उसे आईपीएस बनाना चाहता हूं। वही उन दोनों मृतकों की लाश को उनके सगे संबंधियों ने भी नहीं लिया था। ऐसे में पुलिस ने खुद ही दोनों का दाह संस्कार भी किया था।
बता दें मोहित अग्रवाल बच्ची के पालन पोषण के लिए हर महीने 5000 रुपये भेजते हैं। इसके साथ ही वह त्यौहार पर बच्ची के लिए कपड़े और खिलौने भी भेजते हैं। वे महीने में एक बार बच्ची से मिलने भी जाते हैं।